इधर, पार्टियों में तोडफ़ोड़ की रणनीति के मद्देनजर भाजपा ने बूंदी से कांग्रेस नेता ममता शर्मा को पीपलदा से तथा कांग्रेस के सांसद रहे इज्यराज सिंह की पत्नी कल्पना को लाडपुरा से चुनाव मैदान में उतारा हैं। भाजपा में बगावती तेवर वाले भवानी सिंह राजावत को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
वहीं भाजपा ने कांग्रेस के राजेन्द्र भाम्मू का साथ लेकर उन्हें झुंझुनूं से उम्मीदवार बनाया हैं। भाजपा ने सुमेरपुर में भी सरकारी उपमुख्य सचेतक मदन राठौड़ की जगह जोरा राम कुमावत को टिकट दिया गया हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीणा के दखल के बाद संसदीय सचिव ओम प्रकाश हुडला को भी महुआ से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
भाजपा ने जयपुर की सांगानेर विधानसभा सीट से महापौर अशोक लाहोटी को टिकट देकर जातिगत राजनीति में नया मोड़ दे दिया। यहां से भाजपा के विधायक रहे घनश्याम तिवाडी भारत वाहिनी पार्टी से तथा कांग्रेस से पुष्पेन्द्र भारद्वाज चुनाव लड़ रहे हैं। इन दोनों ब्राह्मण उम्मीदवारों के कारण गैर ब्राह्मणों के वोटों के मद्देनजर लाहोटी को चुनाव मैदान में उतारा गया है।
हालांकि रामगढ़ से विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने भी सांगानेर से ताल ठोक दी हैं जिससे भाजपा के परम्परागत सिंधी वोटों का नुकसान हो सकता हैं। कांग्रेस ने दो सौ में से 195 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे हैं जबकि मुंडावर तथा कुशलगढ़ से लोकतांत्रिक लोकदल तथा भरतपुर एवं मालपुरा से राष्ट्रीय लोकदल और बाली राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी समझौते में सीटे दी हैं।