.. तो सात दिन में रद्द कर दी जाएगी एनओसी नोटिस के जरिए निजी कॉलेजों से लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ की 390 व्याख्याताओं के स्थान नियमानुसार योग्यताधारी नवीन शैक्षणिक स्टाफ को नियुक्त करने की बात कही गई है। जल्दी ही इसकी सूची आवश्यक दस्तावेजों सहित आयुक्तालय को भेजनी होगी। अगर तीस दिन की अवधि के भीतर नए सिरे से शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई, तो राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था विनियम 1993 के नियम 7 के तहत कॉलेज की एनओसी रद्द कर दी जाएगी।
यूजीसी के नियमों के खिलाफ ( Violation of UGC rules ) एक ही शिक्षक का एक से अधिक शिक्षण संस्थानों में कार्यरत होना यूजीसी के बोर्ड ऑफ प्रोफेशनल एथिक्स का उल्लंघन है। साथ ही इससे शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। प्रदेश के सभी कॉलेज एक ही समय पर चलते हैं। ऐसे में कोई भी शिक्षक एक समय पर दो अलग-अलग कॉलेजों में कक्षाएं नहीं ले सकता है। यानी कि इनमें से कई शिक्षकों के कॉलेजों में सिर्फ नाम हैं। निजी कॉलेज एनओसी व सम्बद्धता लेने के लिए कागजों में ही फैकल्टी दिखा रहे हैं।
राजस्थान विवि की जांच में भी पकड़ में आई थी खामियां दरअसल, कुछ महीने पहले राजस्थान विश्वविद्यालय ने भी निजी कॉलेजों का डेटा पोर्टल पर ऑनलाइन किया था। उस समय भी जांच में यहीं सामने आया था कि एक शिक्षक एक से अधिक कॉलेज में कार्यरत हैं। विवि ने भी इन कॉलेजों को सम्बद्घता देने से पूर्व नोटिस जारी किए थे। इसके बाद यह रिपोर्ट कॉलेज आयुक्तालय को भेजी गई और पूरे प्रदेश में निजी कॉलेजों के स्टाफ की जांच की गई।
जांच हो तो सामने आए किसी कॉलेज में नहीं पढ़ा रहे शिक्षक कॉलेज आयुक्तालय ने अभी तक निजी कॉलेजों के दस्तावेज जांचे हैं। गहनता से जांच की जाएं, तो सामने आएगा इनमें से अधिकतर शिक्षक दोनों में से किसी भी कॉलेज में नियमित तौर पर कार्यरत नहीं हैं।