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जयपुर

राजस्थान : नहीं रुक रहे फर्जीवाड़े, कहीं शिक्षकों ने किया, तो स्टूडेंट्स भी नहीं चूक रहे ऐसा करने से

राजस्थान के सरकारी स्कूलों में बीएड इंटर्नशिप कर रहे अभ्यर्थियों से बच्चों को पढ़वाया जा रहा है। वहीं, शिक्षक स्कूल से गायब हो रहे हैं। राजधानी के एक स्कूल के निरीक्षण में कुछ ऐसे ही हाल देखने को मिले। भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। अभ्यर्थी ने उत्तर सही करने के लिए एनसीईआरटी की पुस्तक का पेज डिजाइन कर उसमें अपने हिसाब से फेरबदल कर दिया। इस पेज को प्रिंट कराकर बोर्ड में बतौर दस्तावेज पेश कर दिया।

जयपुरMar 29, 2024 / 04:03 pm

जमील खान

Fraud In Education

राजस्थान : नहीं रुक रहे फर्जीवाड़े, कहीं शिक्षकों ने किया, तो स्टूडेंट्स भी नहीं चूक रहे ऐसा करने से

Frauds Not Stopping In Rajasthan : राजस्थान के सरकारी स्कूलों में बीएड इंटर्नशिप कर रहे अभ्यर्थियों से बच्चों को पढ़वाया जा रहा है। वहीं, शिक्षक स्कूल से गायब हो रहे हैं। राजधानी के एक स्कूल के निरीक्षण में कुछ ऐसे ही हाल देखने को मिले। इसके बाद राजधानी के अन्य स्कूलों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ेे हो गए हैं। दरअसल, जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक जगदीश मीणा ने राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल, एमएनआइटी का निरीक्षण किया। यहां पर कुल आठ में से सिर्फ एक ही शिक्षक कक्षा लेता मिला।

पांच शिक्षक स्कूल से गायब मिले और कक्षाओं में बीएड इंटर्नशिप करने वाले अभ्यर्थी पढ़ाते मिले। इतना ही नहीं, दो शिक्षक कक्षाओं को छोड़कर संस्था प्रधान कार्यालय में बैठे मिले। इस पर डीईओ प्राथमिक ने कड़ी नाराजगी जताई। स्कूल से गायब और कक्षाएं छोडऩे वाले शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी जगदीश मीणा ने बताया कि विषय अध्यापक की मौजूदगी में ही बीएड अभ्यर्थी कक्षाएं ले सकते हैं। ऐसे करते शिक्षक लापरवाही बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को प्रथम वर्ष में एक महीने और द्वितीय वर्ष में करीब तीन महीने की इंटर्नशिप करना जरूरी होता है।

ऐसे में सरकारी स्कूलों में इन्हें लगाया जाता है। राजधानी के करीब 3500 स्कूलों में इस समय करीब 15 हजार अभ्यर्थियों को बीएड इंटर्नशिप के लिए लगाया गया है। ये अभ्यर्थी आठवीं तक की कक्षाओं को पढ़ाते हैं। ऐसे में शिक्षक इन्हीं अभ्यर्थियों के भरोसे कक्षाओं को छोड़कर चले जाते हैं।

तब बीएड अभ्यर्थियों ने जांची थीं उत्तर पुस्तिकाएं
ऐसा ही एक मामला गत वर्ष राजधानी के एक स्कूल में देखने को मिला था। यहां बीएड इंटर्नशिप करने वाले अभ्यर्थियों को स्कूल में शिक्षकों ने उत्तर पुस्तिकाएं जांचने को दे दीं। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद स्कूल प्रिंसिपल पर शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की।

‘जांच में देखने को मिला कि बीएड इंटर्नशिप करने वाले अभ्यर्थियों से कक्षाएं संचालित कराई जा रही हैं। शिक्षकों को नोटिस दिया गया है। किसी भी स्कूल में ऐसी गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई होगी।-जगदीश मीणा, डीईओ प्राथमिक

उत्तर सही करने के लिए बना दिया एनसीईआरटी बुक का फर्जी पेज
भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। अभ्यर्थी ने उत्तर सही करने के लिए एनसीईआरटी की पुस्तक का पेज डिजाइन कर उसमें अपने हिसाब से फेरबदल कर दिया। इस पेज को प्रिंट कराकर बोर्ड में बतौर दस्तावेज पेश कर दिया। पकड़ में आने के बाद अब राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से अभ्यर्थी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

चयन बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज नेे बताया कि सूचना सहायक सीधी भर्ती परीक्षा -2023 की उत्तर कुंजी जारी की गई थी। इसके बाद अभ्यर्थियों से आपत्तियां मांगी गईं। एक अभ्यर्थी पंकज कुमार ने एक प्रश्न के गलत उत्तर को सही करवाने के लिए एनसीईआरटी की पुस्तक के सही टॉपिक में फेरबदल करके दस्तावेज पेश कर दिए। बोर्ड की जांच में यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। अध्यक्ष ने बताया कि यह फर्जीवाड़ा अपराध की श्रेणी में आता है। अभ्यर्थी को कारण बताओ नोटिस किया गया है। जवाब प्राप्त होने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

पहले सही माना फिर दो उत्तर देख चौंके
एक ही प्रश्न पर दो अभ्यर्थियों ने आपत्ति दर्ज कराई थी। एक अभ्यर्थी ने पेज में फेरबदल कर उत्तर बदल दिया और उसकी कॉपी बोर्ड में लगा दी। एक्सपर्ट ने एक बार तो उत्तर को सही मान लिया। बाद में जब बोर्ड अध्यक्ष ने जांच की तो सामने आया कि दो अभ्यर्थियों ने एक ही प्रश्न के सही उत्तर के अलग-अलग साक्ष्य प्रस्तुत किए। इस पर जांच की तो पाया कि एक अभ्यर्थी ने फर्जी पेज लगाया है।

यह था प्रश्न
टचपैड पर कार्य करते समय निम्न में से किसका उपयोग किया जाता है? (ए) अंगुली (बी) पेंसिल (सी) स्टाइलस (डी) ग्लव्स (ई) अनुत्तरित प्रश्न ‘अभ्यर्थी ने पेज एडिट करके उत्तर के इन सभी विकल्पों को गलत बताया’ उत्तर को सही बताने के लिए फर्जीवाड़ा करना भी अपराध है। इस केस से लगता है कि कोचिंग संस्थान ने अभ्यर्थी को ऐसा करने के लिए प्रेरित किया है। अभ्यर्थी के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है। -आलोक राज, अध्यक्ष राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड

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