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जयपुर

पुलिस पदोन्नति समारोह पर रोक नहीं, पर खर्च का हिसाब रखना होगा

हाईकोर्ट ने सुनवाई 24 सितम्बर तक टाली
 

जयपुरSep 19, 2018 / 01:54 am

Shailendra Agarwal

Rajasthan Ploce Recruitment 2018

Rajasthan Police Constable Exam

हाईकोर्ट ने पुलिस पदोन्नति समारोह पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन राज्य सरकार से समारोह पर होने वाले खर्च का हिसाब रखने को कहा है। मंगलवार को कोर्ट ने इस पदोन्नति और उसके आयोजित समारोह से संबंधित रिकॉर्ड भी मंगवाया था। अब इस मामले में 24 सितम्बर को सुनवाई होगी।
मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग व न्यायाधीश जी आर मूलचंदानी की खंडपीठ ने मंगलवार को इस मामले में प्रमोद सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई की। इस मामले पर कोर्ट ने विस्तृत सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने समारोह पर रोक लगाने का आग्रह किया, जिस पर कोर्ट सहमत नहीं हुआ। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कांस्टेबलों की संख्या सहित कुछ बिन्दुओं पर पूछताछ भी की। कोर्ट ने निर्देश दिया कि समारोह पर कितना खर्चा हुआ, इसका हिसाब रखा जाए।
याचिकाकर्ता का पक्ष
प्रार्थीपक्ष की ओर से अधिवक्ता माधव मित्र ने कोर्ट को बताया कि जयपुर में पुलिस पदोन्नति समारोह का आयोजन किया जा रहा है और उसमें कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल बनाए गए ६ हजार पुलिसकर्मियों व उनके परिवार के २ सदस्यों को बुलाया जा रहा है। विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह आयोजन किया जा रहा है और पुलिसकर्मियों के परिवार को बुलाने के लिए सरकारी धन खर्च किया जा रहा है। इन पुलिसकर्मियों की पदोन्नति की प्रक्रिया भी जुलाई में शुरू की गई है। पुलिस पदोन्नति समारोह पहले ही तय कर लिया और पदोन्नति को लेकर नियमों में शिथिलता के लिए अधिसूचना १७ सितम्बर को जारी की गई है। चुनावी फायदे के लिए पहले शिक्षकों का समारोह किया और इस साल बड़ी संख्या में पदोन्नतियां दी गई है। कानून व्यवस्था के बजाय बड़े अधिकारियों की भी पुलिस पदोन्नति समारोह के आयोजन में ड्यूटी लगा दी गई है। पदोन्नति पर एेसे समारोह का आयोजन पहले कभी नहीं हुआ।
सरकार का पक्ष
सरकार की ओर से महाधिवक्ता एन एम लोढ़ा, अतिरिक्त महाधिवक्ता जी एस गिल व अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने पैरवी की। सरकार की ओर से कहा गया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार पदोन्नति दी गई है और घोषणा फरवरी में ही कर दी गई थी। पदोन्नति सामान्य प्रक्रिया के तहत दी गई है। इससे कानून व्यवस्था मजबूत करने में सहयोग मिलेगा। पुलिसकर्मियों के सम्मान से उनकी इज्जत और मनोबल बढ़ेगा। पहले भी पिप्पी नाम से एेसे समारोह हुए हैं। पहले इस तरह के समारोह क्षेत्रीय स्तर पर होते रहे हैं और अब राज्य स्तर पर हो रहा है। इस पदोन्नति को न तो चुनाव से जोड़ा जाना चाहिए और न ही इनको लाभार्थी कह सकते हैं। लम्बे समय से पदोन्नति का इंतजार हो रहा था। सरकार की ओर से यह भी जवाब दिया गया कि ६ हजार पुलिसकर्मियों को एकबारीय पदोन्नति दी गई है। भविष्य में 50 प्रतिशत पदों को पदोन्नति से भरा जाएगा और 50 प्रतिशत लिखित परीक्षा के जरिए भरेंगे। दो माह बाद इन पदोन्नत पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और उसके बाद वेतनवृद्धि का लाभ दिया जाएगा।

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