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जयपुर

ड्रोन एयर टैक्सी को कंट्रोल करने के लिए अब आ गया ऐप

ड्रोन एयर टैक्सी को कंट्रोल करने के लिए अब आ गया ऐप
-मुफ्त डिजिटल मैप और ईमेल की सुविधा देने वाली अल्फाबेट कंपनी अब लोगों के निजी ड्रोन के लिए एयर-ट्रैफिक कंट्रोल करने के मकसद से ऐप लेकर आई है

जयपुरJul 22, 2019 / 05:12 pm

Mohmad Imran

ड्रोन एयर टैक्सी को कंट्रोल करने के लिए अब आ गया ऐप

मुफ्त डिजिटल मैप और ईमेल की सुविधा देने वाली अल्फाबेट कंपनी अब लोगों के निजी ड्रोन के लिए एयर-ट्रैफिक कंट्रोल करने के मकसद से ऐप लेकर आई है

गूगल की पैरेंट कंपनी ‘अल्फाबेट इंक.’ की एक समानांतर कंपनी विंग एलएलसी ने बीते सप्ताह ‘ओपन स्काई’ नाम का ऐप लॉन्च किया। कंपनी का दावा है कि उनका ऐप निजी ड्रोन के लिए बेहतर एयर ट्रैफिक नियंत्रक साबित होगा। कंपनी को उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों में यह ऐप हवाई उड़ान के इस नए वर्ग की अपेक्षित वृद्धि का प्रबंधन करने के लिए पूर्ण विकसित हवाई यातायात नियंत्रण प्रणाली का आधार बनेगा। हाल ही कंपनी के इस ऐप को ऑस्ट्रेलिया में ड्रोन उड़ानों का प्रबंधन करने के लिए अनुमोदित किया गया है। ऑस्ट्रेलिया में फिलहाल ऐप नि:शुल्क है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेम्स बर्गेस के अनुसार विंग फिलहाल अमरीकी उड्डयन प्रशासन के साथ इसके परीक्षण कार्यक्रम पर काम कर रहा है। साथ ही वह अन्य देशों में भी ऐप के ट्रायल के लिए सरकारों से बातचीत कर रहा है।

इसलिए महसूस हो रही जरुरत
दरअसल, ड्रोन से डिलिवरी करने की इच्छा रखने वाली कंपनियों को कम ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले छोटे ड्रोन के लिए एक मजबूत एयर-ट्रैफिक सिस्टम की जरुरत है। ताकि वे एक-दूसरे से बिना टकराए आकाश मार्ग से डिलिवरी कर सकें। ऐसे नियंत्रित एयर-ट्रैफिक के बिना अमेजन डॉट कॉम जैसी कंपनियों के लिए अपने रोबोटिक डिलिवरी उपकरण का बिजनेस मॉडल संभव नहीं होगा।
अन्य देश भी कर रहे परीक्षण
विंग के ड्रोन एयर ट्रैफिक के प्रमुख रिनाल्डो नेग्रोन ने कहा कि इस क्षेत्र के महत्त्व को समझते हुए अन्य कंपनियां भी सक्रिय हो रही हैं। हाल ही ऑस्ट्रेलिया के नागरिक उड्डयन सुरक्षा प्राधिकरण ने एक कंप्यूटर प्लेटफॉर्म बनाया है जो विंग के ओपन स्काई ऐप की ही तरह कई ड्रोन डिलिवरी कंपनियों को एयर-ट्रैफिक की बेहतर सेवा देगा। हालांकि अमरीका ने अपनी ड्रोन एयर-ट्रैफिक योजनाओं को अभी अंतिम रूप नहीं दिया है लेकिन अधिकारियों का कहना है कि वे भी ऐसी ही प्रणाली लाने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि ड्रोन के लिए एयर-ट्रैफिक सरकार की बजाय ड्रोन ट्रैकिंग और प्रबंधन निजी कंपनियों द्वारा किया जाएगा।

विंग कंपनी ने तीन महाद्वीपों में ओन स्काई ऐप का उपयोग करके 80 हजार से ज्यादा ड्रोन उड़ानों का परीक्षण किया है। ऑस्ट्रेलिया मकें यह ड्रोन ऑपरेटर्स के लिए ऐपल और एन्ड्राएड सटोर पर उपलब्ध है। इस ऐप का एक पर्सनल कम्प्यूटर या पीसी संस्करण भी है। शुरुआत में ऐप सभी के लिए नि:शुल्क होगा। ऐप सिस्टम उपयोगकर्ताओं को ड्रोन की उड़ान के लिए एरियल रूट बनाने में मदद करता है। वहीं ऑस्ट्रेलियाई ऐप ड्रोन पायलटों को बताता है कि किन क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाना गैर-कानूनी है या कौन-सा क्षेत्र नॉन-फ्लाइंग ज़ोन है।
ड्रोन एयर-ट्रैफिक का आधार
जैसे-जैसे डिलिवरी ड्रोन ज्यादा उन्नत ट्रैकिंग उपकरणों से लैस होते जाएंगे ओपन स्काई जैसे ऐप कम ऊंचाई पर उडऩे वाले ड्रोन के लिए एक एयर-ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली का आधार बन जाएंगे। इनके जरिए कंप्यूटर से ही ड्रोन को हवा में स्वचालित रूप से नियंत्रित किया जा सकेगा। इससे ड्रोन दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।

वहीं अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा भी इस बात की रूपरेखा तैयार कर रहा है कि ड्रोन ट्रैफिक की निगरानी कैसे की जाए? वह अमरीकी उड्डयन प्राधिकरण के नियमों के अंतर्गत काम कर रहा है ताकि ड्रोन की पहचान करने के लिए उन्हें रेडियो बीकन भेजे जा सकें। अप्रैल में विंग ड्रोन एयरलाइन के रूप में सरकार की मंजूरी प्राप्त करने वाली पहली अमरीकी ड्रोन कंपनी थी।

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