scriptMahavir Jayanti : माता त्रिशला के 16 स्वप्न होंगे साकार, धर्मसभा में भगवान महावीर की वाणी से मिलेगी प्रेरणा | 16 dreams of Mata Trishala will come true, inspiration will be given by the words of Lord Mahavir | Patrika News
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Mahavir Jayanti : माता त्रिशला के 16 स्वप्न होंगे साकार, धर्मसभा में भगवान महावीर की वाणी से मिलेगी प्रेरणा

Mahavir Jayanti : जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर का 2623वां जन्म कल्याणक महोत्सव रविवार को मनाया जाएगा। इस मौके पर शहर के दिगंबर-श्वेतांबर जैन मंदिरों से प्रभातफेरी और अहिंसा वाहन रैली निकाली जाएगी।

जयपुरApr 21, 2024 / 11:09 am

Kirti Verma

Mahavir Jayanti : जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर का 2623वां जन्म कल्याणक महोत्सव रविवार को मनाया जाएगा। इस मौके पर शहर के दिगंबर-श्वेतांबर जैन मंदिरों से प्रभातफेरी और अहिंसा वाहन रैली निकाली जाएगी।
इससे पूर्व जैन मंदिरों में महाआरती, भक्ति संध्या व भक्तामर स्तोत्र दीप महाअर्चना सहित अन्य कार्यक्रम हुए। राजस्थान जैन सभा, जयपुर के तत्वावधान में होने वाले मुय आयोजन के पोस्टर का विमोचन मुयमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया। अध्यक्ष सुभाष जैन, कोषाध्यक्ष राकेश छाबड़ा, अशोक जैन, महेश काला, यशकमल अजमेरा व अनिल छाबड़ा मौजूद रहे।
महामंत्री मनीष बैद व विनोद जैन ने बताया कि सुबह सात बजे मनिहारों का रास्ता स्थित महावीर पार्क से शोभायात्रा निकाली जाएगी। मुय संयोजक अनिल छाबड़ा के निर्देशन में निकलने वाली शोभायात्रा में 20 से अधिक ज्ञानवर्धक तथा संदेशप्रद झांकियां शामिल होंगी। इनमें विद्याधर से विद्यासागर, वर्तमान के वर्धमान, विद्याधर जी से समयसागर की यात्रा, माता के 16 स्वप्न व रक्तदान महादान सहित भगवान महावीर के जीवन चरित्र और प्रेरग प्रसंगों को दर्शाया जाएगा। यात्रा के रामलीला मैदान पहुंचने पर सुबह 9.30 बजे आचार्य चैत्य सागर, आचार्य शशांक सागर और आर्यिका विज्ञाश्री ससंघ के सान्निध्य में धर्मसभा होगी।

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पांच अणुव्रतों से रखी मानव के संतुलित विकास की नींव

भगवान महावीर के सिद्धांतों की आज विश्व को विशेष जरूरत है। उनका प्रमुख सिद्धांत अहिंसा, एक मात्र ऐसा अस्त्र है जिससे मानव-समाज के लिए सभी प्रकार के दोष और पाप-कर्म दूर हो जाते हैं। विश्व प्रेम ही भगवान महावीर का दिव्य संदेश है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी इसे अपने जीवन का मूल मंत्र माना था। भगवान महावीर ने अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपिरग्रह इन पांच अणुव्रतों के माध्यम से मानव के संतुलित विकास की नींव रखी थी, ये सिद्धांत आज भी सार्वभौमिक हैं। भगवान महावीर के धार्मिक मैत्री, प्रेम, आत्मीय मिलन और धार्मिक संस्कार जैसे उपदेशों को भावी पीढ़ी को सिखाने की आवश्यकता है।

स्मारिका का विमोचन

धर्मसभा में महावीर जयंती स्मारिका के 59 वें अंक का विमोचन के साथ ही तीनों संतों के प्रवचन भी होंगे। शोभायात्रा मुय परामर्शक भानू छाबड़ा, राकेश छाबड़ा ने बताया कि भगवान स्वर्ण जड़ित रथ में विराजमान होकर शोभायात्रा में भक्तों को आशीर्वाद देते हुए चलेंगे। धर्म सभा के लिए रामलीला मैदान में विशाल पाण्डाल बनाया गया है।

दी जाएगी जैनेश्वरी दीक्षा

रामलीला मैदान में आचार्य चैत्यसागर के सान्निध्य में गंज ढूंढ (बारां) निवासी दीक्षार्थी राकेश वीरभानू (64 वर्षीय) को जैनेश्वरी दीक्षा दी जाएगी। इससे पूर्व सुबह 8.15 बैंडबाजों के बीच जुलूस के रूप में दीक्षार्थी बग्घी में बैठकर कार्यक्रम स्थल पहुंचेंगे।

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