हटाए गए अश्विनी भगत को लेकर रावत ने कहा कि अधिकारी को लगाने व हटाने की सतत प्रक्रिया चलती रहती है। लेकिन भगत को चुनाव आयोग के हित में ही हटाया गया है।
उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान मीडिया में चलने वाली खबरों पर भी ध्यान रखा जाएगा। फेक और पेड न्यूज पर नजर रहेगी। वहीं सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए योजना तैयार की गई है। रावत ने कहा कि सीईओ व कलक्टर को मीडिया से निरंतर संपर्क करने के लिए कहा गया है। जिससे आयोग की सभी सूचनाएं लगातार पहुंचती रहें।
रावत ने दौरे के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मिली शिकायत व सुझाव, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से तैयारियों के लिए फीडबैक के बारे में कहा कि जो भी शिकायतें मतदाता सूची व अन्य कोई मिली हैं, उन पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
रावत ने कहा कि पुलिस को सतर्क किया गया है कि समय पर अपना काम खत्म करें। लाइसेंसी हथियारों को थानों में जमा कराया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में फर्जी वोटर कोई भी नहीं है। दोहरे व तिहरे नाम कहीं जुड़े हैं, तो उन्हें हटाने की सतत प्रक्रिया चलती है। वह चल रही है।
चुनाव आयुक्त ने कहा चुनाव के दौरान आयोग के सी-विजिल ऐप में कोई भी उम्मीदवार आचार संहिता व अन्य किसी भी प्रकार की चुनाव संबंधी शिकायत दर्ज करा सकेगा। शिकायतकर्ता की जानकारी को गोपनीय रखा जाएगा।
मतदाता सूची में नाम जोडऩे को लेकर चले अभियान की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 27 सितंबर को होगा। इसके बाद नाम जुड़वाने से वंचित रहे लोगों को एक विशेष मौका और दिया जा सकता है। जिसके तहत छुट्टियों में लगातार तीन दिन अभियान चलाया जा सकता है।