कर्ज में डूबा था बबलू
पुलिस के अनुसार बबलू पर करीब 5 लाख रुपए का कर्जा है। बबलू का इरादा नैतिक का अपहरण कर फिरौती वसूलना था।
इसी मंशा से उसने बच्चे का अपहरण किया। बच्चे को साथ लेकर वह सीधा लांगरा के जंगलों में पहुंचा। तब तक नैतिक के परिजनों को बच्चे के गायब होने की भनक लग गई। इधर-उधर खोजबीन पर भी पता नहीं चला तो नैतिक के परिजनों ने बबलू की दुकान बंद देख उसे फोन कर पूछा कि नैतिक तुम्हारे पास तो नहीं है। इस पर बबलू घबरा गया और पकड़े जाने के डर से उसने बच्चे की वहां पर ही पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी। इसके बाद वह सीधा करौली आया और नैतिक के परिजनों के साथ उसकी तलाश कराने का ढोंग करता रहा।
सपोटरा विधायक व उपनेता प्रतिपक्ष रमेश मीना ने बालक के खुलासे को लेकर पुलिस पर लीपापोती का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बालक का शव नहीं मिला है। इस कारण पुलिस की कहानी समझ में नहीं आ रही है। मीना ने शव बरामद करने तथा ठोस सबूत सामने लाने की मांग पुलिस अधीक्षक से की है। इसी क्रम में अग्रवाल समाज के जिलाध्यक्ष प्रहलाद सिंघल, करौली के अध्यक्ष विश्वम्भर गुप्ता ने मामले का पूरा खुलासा करने की मांग की है। उन्होंने परिजनों को सात्वना दी। इधर नगरपरिषद सभापति राजाराम गुर्जर, जिला परिषद सदस्य डॉ. सौम्या गुर्जर ने संवेदना जताई है।
पुलिस का कहना है कि बबलू का नैतिक के घर आना-जाना था। वह नैतिक तथा उसके परिजनों से भली-भांति परिचित था। नैतिक की भी पड़ोस के नाते उसकी नजदीकियां थीं। इसी का फायदा उठाकर बबलू उसे अपने साथ ले गया और नैतिक ने उसका विरोध भी नहीं किया।