सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जगदीप धनखड़ Jagdeep p dhankar को मोदी सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। राजस्थान के झुंझनुं जिले के किठाना गांव के रहने वाले धनखड़ को पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य की जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें वहां गवर्नर बनाया गया है। governor of
West Bengal धनखड़ इन दिनों चुनावी राजनीति में ज्यादा सक्रिय नहीं थे और वे सु्प्रीम कोर्ट में वकालत कर रहे थे। आपको बता दें कि 68 वर्षीय धनखड़ ने अपनी राजनीति की शुरुआत जनता दल से की थी। धनखड़ 1989 में झुंझनुं से सांसद बने थे और बाद में वे चन्द्रशेखर सरकार में मंत्री भी रहें। बाद में धनखड़ ने जनता दल छोड़ दिया और वे कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और अजमेर के किशनगढ से कांग्रेस congress पार्टी ने उन्हें 1993 में टिकट दिया। वे विधायक बन गए। उन्होंने वहां पर भाजपा के जगजीत सिंह को करीब डेढ हजार वोट से शिकस्त दी। धनखड़ का यह सफर कांग्रेस पार्टी में जारी था। अपनी विधायकी की पारी खेलने के बाद धनखड का कांग्रेस से मोह भंग हो गया और वे भाजपा में शामिल हो गए। धनखड ने राजस्थान विश्वविद्यालय से कानून की पढाई पूरी की थी और वकालत की शुरुआत भी राजस्थान हाईकोर्ट से की थी। वे राजस्थान बार काउसिंल के चेयरमेन भी रहे थे। जगदीप धनखड के परिवार में उनके भाई रणदीप धनखड़ कांग्रेस में है और पिछली कांग्रेस सरकार में उन्हें राजस्थान पर्यटन विकास निगम का चेयरमेन भी बनाया गया था। जगदीप धनखड के एक और भाई कुलदीप धनखड़ भी भाजपा में रहे थे। उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट भी मांगा था लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे बागी बन गए और निर्दलीय ही ताल ठोक दी। यहीं नहीं धनखड ने 40 हजार वोट लेते हुए भाजपा का समीकरण बिगाड दिया और वहां से कांग्रेस चुनाव जीत गई। अब तीनों ही भाईयों की राजनीति अलग अलग चल रही है। एक भाई पश्चिम बंगाल में बडी जिम्मेदारी संभालेंगे तो दूसरे भाई रणदीप को भी मौके का इंतजार है वहीं तीसरे भाई कुलदीप भी नई राह पर है।
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