समस्या को लेकर कर्मचारियों और ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों को अवगत करवा दिया, वहीं जिम्मेदारों का कहना है कि उन्हें इस मामले को लेकर अभी ही पता चल पाया है। पानी आपूर्ति को लेकर लापरवाही के चलते ग्रामीणों व पशुधन को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है। गौरतलब है कि इस बार क्षेत्र में बारिश नहीं होने के चलते परम्परागत जल स्रोत भी सूख गए हैं। ऐसे में लोग पूरी तरह से जलदाय विभाग पर ही निर्भर हैं। ऐसी स्थिति में जिम्मेदारों की लापरवाही आमजन पर भारी पड़ रही है।
खोखसर व आस-पास के क्षेत्र से बड़ी संख्या में मवेशी प्यास बुझाने के लिए खोखसर पहुंचते हैं, लेकिन इन दिनों यहां पानी नहीं मिलने के चलते वे इधर-उधर भटकते रहते हैं। यहां गांव की होदी, पास ही बनी खेळी, कुएं तथा चौराहे पर बनी खेळियों सहित सार्वजनिक जगह पर बने जल कुंडों पर बड़ी संख्या में गोवंश मंडराते रहते हैं। दानदाता मंगवा रहे टैंकर भीषण गर्मी में पानी के लिए तरस रहे बेसहारा गोवंश को देख यहां के ग्रामीणों को पानी के टैंकर मंगवाने पड़े। गांव के दानदाता सूरजमल गांधी केसुम्बला से पानी मंगवाकर सार्वजनिक कुंड में डलवाया। दो दिन बाद यह पानी अब खत्म हो गया है।
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मुझे अभी पता चला समस्या को लेकर मुझे अभी पता चला हैं। इसकी रिपोर्ट मंगवाता हूं, जल्द ही पानी की आपूर्ति शुरू की जाएगी।