मंत्रा प्रोग्राम तीन चरणों में होगा। पहले चरण में भारत सरकार के बायोटेक्लॉजी विभाग, डीएसटी भारत सरकार, सीसआईआर और इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिक 50 मॉडल स्कूलों में 1—2 दिन की विजिट कर छात्रों के साथ कम्यूनिकेशन करेंगे। साथ ही उनके साथ वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम करेंगे। इसके अलवा विज्ञान की प्रगति के बारे में बताएंगे। इसके आधार पर प्रत्येक स्कूल से दस स्टूडेंट्स का चयन किया जाएगा। ये दस स्टूडेंट्स को दूसरे चरण में जाएंगे। दूसरे चरण में इन स्टूडेंट्स का उपक्षेत्रीय विज्ञान केंद्र और कुछ यूनिवर्सिटीज में तीन दिन की दस तकनीकी वर्कशॉप होगी। एक वर्कशॉप में 50 छात्र शामिल होंगे। वर्कशॉप में साइंटिस्ट एडवांस लेवल की प्रश्नोत्तरी करवाएंगे और शॉर्ट टर्म प्रॉब्लम्स देंगे और विज्ञान से संबंधित एक्सपेरिमेंट करवाएंगे। हर वर्कशॉप से पांच बच्चों का चयन होगा। कुल 50 छात्र तीसरे चरण में जाएंगे। इन छात्रों को दो सप्ताह के लिए देशभर की लैब में अलग-अलग गु्रप्स में भेजा जाएगा। जहां देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के साथ काम करने का मौका मिलेगा।
– देश में डीएसटी के विकास में वैज्ञानिकों का क्या योगदान है।
– विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में लगातार परिवर्तन हो रहे हैं। नैनो टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी, नैनो रोबोट्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के बारे में जानकारी मिलेगी।
– के.सी.मीणा, आयुक्त, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग