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जयपुर

फिनलैंड एजुकेशन में इसलिए है टॉप पर

-चार घंटे का स्कूल, कम होमवर्क और यहां शिक्षा व्यवसाय नहीं

जयपुरJul 21, 2019 / 03:44 pm

pushpesh

खेल-खेल में सिखाई जाती है प्रारंभिक शिक्षा

फिनलैंड एजुकेशन में इसलिए है टॉप पर

जयपुर.

शिक्षा देश के भविष्य की बुनियाद होती है। शिक्षा की बात हो तो फिनलैंड की चर्चा लाजिमी है। फिनलैंड में दुनिया की बेहतरीन शिक्षा प्रणाली है। अंतरराष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन के सर्वे में यहां के छात्र वर्ष 2000 से शीर्ष पर हैं। सवाल उठता है कि फिलनैंड के स्कूल ऐसा क्या करते हैं कि यहां के विद्यार्थी अव्वल रहते हैं। फिनलैंड की शिक्षा प्रणाली कुछ बुनियादी सिद्धांतों पर आधारित है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है शिक्षा की समान पहुंच यहां संवैधानिक अधिकार है।
प्रारंभिक से कॉलेज शिक्षा लगभग फ्री
फिनलैंड में प्रारंभिक शिक्षा खेल-खेल में सिखाई जाती है। छह वर्ष की उम्र में स्कूल जाने की बाध्यता नहीं। यदि इससे पहले बच्चे को स्कूल भेजते हैं तो पढ़ाई के साथ बच्चे की देखभाल भी की जाती है। अभिभावक को शिक्षा खर्च का 14 फीसदी चुकाना होता है। इसके बाद बुनियादी शिक्षा में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा को विभाजित नहीं करता। बल्कि नौ वर्ष तक प्रतिवर्ष 190 दिन के लिए एकल शिक्षा की संरचना है। बच्चों को भोजन भी मुफ्त दिया जाता है। उच्च माध्यमिक शिक्षा दो हिस्सों में होती है। एक सामान्य और दूसरा व्यावसायिक। दोनों में तीन वर्ष लगते हैं। बुनियादी और माध्यमिक शिक्षा की तरह उच्च शिक्षा भी लगभग फ्री है।
खास बातें-
1. लेट स्कूलिंग : दूसरे देशों की तुलना में यहां स्कूलिंग लेट शुरू होती है। 7वर्ष की उम्र में बच्चे को स्कूल भेजते हैं।

2. स्कूल का समय : स्कूल का समय सुबह छह बजे से 1.00 बजे तक होता है। यानी चार घंटे का स्कूल।
3. होमवर्क का दबाव कम : फिनलैंड के स्कूलों में होम वर्क का दबाव नहीं होता। इतना ही दिया जाता है, जो 10 से 15 मिनट में पूरा हो जाए।

4. प्रतिस्पर्धा नहीं : टॉपर और कम स्कोरर के बीच फासला नहीं होता। सभी से एक जैसा व्यवहार किया जाता है।
5. शिक्षकों का दर्जा : फिनलैंड में डॉक्टर, इंजीनियर, वकील आदि से ज्यादा सम्मानित पेशा है शिक्षक का। वेतन भी ज्यादा होता है।

6. बाहर का काम : स्कूल के शुरुआती वर्ष से ही प्रायोगिक ज्ञान देने के लिए पाठ्यक्रम से हटकर बाहर का काम दिया जाता है।
7. अनुसंधान : फिनिश छात्र अन्य देशों के छात्रों की तुलना में अनुसंधान और आत्मविकास पर लगभग तीन गुना समय देते हैं।

8. मध्यमवर्गीय आबादी : फिनलैंड में ज्यादातर मध्यमवर्गीय लोग हैं। निजी स्कूल कम हैं। अमीर-गरीब के बीच समानता।
9. कमाई का जरिया नहीं : फिनलैंड में शिक्षा व्यवसाय की श्रेणी में नहीं आती। यहां अन्य देशों के मुकाबले शिक्षा सस्ती है।

10. माहौल : शिक्षक और छात्रों के बीच दोस्ताना बर्ताव होता है। उच्च शिक्षित शिक्षक निरंतर छात्रों को सफल होने का टिप्स देते हैं।
और हमारी शिक्षा में ये कमियां
आरटीई अच्छी भावना से शुरू किया था, लेकिन दुरुपयोग से इसका उद्देश्य अधूरा रह गया। ऐसी शिकायतें आती रही हैं कि कई स्कूल गलत ढंग से नामांकन दिखाकर उनके हिस्से की सब्सिडी भी ले लेते हैं और गरीब विद्यार्थी को लाभ भी नहीं मिल पाता। प्रवेश मिल भी जाए तो उपेक्षित बर्ताव से उसमें हीन भावना आ जाती है। स्कूल-कॉलेज खोलने में भी राजनीति होती है। निष्पक्ष मूल्यांकन की कमी के कारण प्रतिभाशाली विद्यार्थी पिछड़ जाते हैं। जातीय आधार पर भी शैक्षिक सहूलियतों में भेदभाव शिक्षा प्रणाली को कमजोर कर रही हैं।
-डॉ. राजेश कुमार शर्मा, निदेशक (गांधी अध्ययन केंद्र) राजस्थान विश्वविद्यालय।

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