स्वास्थ्य सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम नवीन जैन ने बताया कि मिसाल के प्रारूप में आवश्यक बदलाव करते हुए अब तीन श्रेणियों में प्रतियोगिता को वर्गीकृत किया जा रहा है। अब मिसाल रेकिंग तीन श्रेणियों में निकाली जाएगी। जिनमे कैटेगरी ए, कैटेगरी बी एवं कैटेगरी सी में जिला स्वास्थ्य रेकिंग होगी। उन्होंने बताया कि पिछले चारों-पाचंों रेंकिंग में टॉप-10 स्थानों पर स्थान दर्ज करने वाले 10 जिलों को ए गोल्ड श्रेणी में, 12 जिलों को बी सिल्वर श्रेणी में एवं शेष 12 जिलों को सी ब्रांज श्रेणी में शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिलों की ओर से आगामी तीन महीनों तक प्राप्त अंकों के आधार पर तीनों श्रेणियों में उपलब्धि के अनुसार परिवर्तित किया जा सकेगा।
जयपुर फिर टॉप में नहीं इस रैंकिंग में जयपुर जिला एक बार फिर पिछले पायदानों पर ही रहा। इस बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर प्रथम डॉ नरोत्तम शर्मा से जानकारी चाही गई तो उन्हें रात तक जिले की रैकिंग की ही जानकारी नहीं थी। उनका कहना था कि वे शास्त्री नगर में जीका वायरस के सर्वे में व्यस्त हैं। इसलिए आज की वीसी में नहीं जा पाए। यही स्थिति जिले के एक अन्य अधिकारी डॉ हरिशंकर की थी। गौरतलब है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से जयपुर में प्रदेश के दूसरे जिलों से कई गुना अधिक सुविधाएं होने के बावजूद जयपुर जिला लगातार पिछड़ रहा है। इसका कारण यहां की गतिविधियों की सही तरीके से रिपोर्टिंग नहीं किया जाना रहा है।