एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजय पाल लांबा ने बताया कि सरकार ने 11 हजार कांस्टेबलों की भर्ती निकाली थी। राजस्थान में सभी जवानों को एक साथ प्रशिक्षण देने की व्यवस्था नहीं होने पर सीआइएसएफ और बीएसएफ के प्रशिक्षण केन्द्रों पर भी जवानों की ट्रेनिंग चल रही है। जयपुर कमिश्नरेट के 973 भर्ती हुए जवान जनवरी माह से भिलाई सीआइएसएफ कैम्प में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इनका नवम्बर में प्रशिक्षण अवधि पूरी होनी है।
2 जून को 6.30 से 7.30 बजे वाले बैच की 10 किलोमीटर दौड़ थी। इसी दौड़ के दौरान चार जवानों की तबीयत बिगड़ गई। चारों को कैम्प स्थित स्वास्य केन्द्र में पहुंचाया, जहां पर एक जवान को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। जबकि मोहनलाल चौधरी निवासी प्रागपुरा, अजय सिंह निवासी जयपुर जिले के मेड़ और सोहनलाल गुर्जर निवासी झुंझुनूं के नवलगढ़ स्थित भाटीवाला कोमा में चले गए। इसलिए तीनों को भिलाई के मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
कोमा के दौरान दो बार हार्ट अटैक एडिशनल कमिश्नर लांबा ने बताया कि तीनों जवान कोमा में ही थे। इसी दौरान 5 जून और 6 जून को मोहनलाल के दो बार हार्ट अटैक आया। 6 जून शाम को मोहनलाल की मृत्यु हो गई। जबकि अभी भी दोनों अन्य जवान कोमा में है। इनमें सोहनलाल की हालत गंभीर है। प्राथमिक कारण गर्मी में हिट स्ट्रोक बताया जाता है। दौड़ के दौरान जवानों में एसिड जनरेट हो गया और लेजिकेसिड अधिक बढ़ गया। इससे शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद दिया। हादसे के सूचना के बाद जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के एडिशनल डीसीपी सुरेन्द्र सिंह को भिलाई भेज दिया गया था। मृतक मोहनलाल का शव प्लेन के जरिए शुक्रवार रात तक दिल्ली लाया जाएगा, जहां से सड़क मार्ग होते हुए दिल्ली रोड स्थित जयपुर जिले के प्रागपुरा घर लाया जाएगा।