जिले की आरक्षित सीट बयाना विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने वर्तमान विधायक Bachchu singh Banshiwal का टिकट काटकर 2013 में पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ी रितु बनावत को भाजपा ने टिकट दिया है। ऐसे में लाजमी है कि वर्तमान विधायक को यह भी बात चुभ रही है। पिछले दो दिन उनकी बगावत पर उतरने की खबर भी पार्टी में चल रही है। हालांकि, वह यह तो नहीं बोल रहे कि बगावत कर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन इतना तो उनकी जुबां से निकल ही गया कि जब पार्टी ही बागी को टिकट दे रही है तो अब उनके बागी बनने से क्या फायदा।
देवेंद्र कटारा डूंगरपुर विधायक-
उन्होंने कहा स्थानीय स्तर से फीडबैक गलत भेजे जाने से उनके हाथ से यह अवसर गया है। मुझ पर जातिवाद के आरोप लगाए जा रहे हैं। अपनी जाति, समाज के लिए बात करना गलत तो नहीं है। मेरा टिकट कटने के बाद कार्यकर्ताओं की भावना है कि मैं चुनाव लडूं। कांग्रेस के टिकट फाइनल होने के बाद फिर विचार कर निर्दलीय नामांकन दाखिल कर सकता हूं। और हां, यदि नामांकन दाखिल किया तो नाम वापस नहीं लूंगा। निश्चित रूप से चुनाव लडूंगा।
मैंने पार्टी की सेवा की, उपेक्षा आश्चर्यजनक
भाजपा की पहली सूची में चित्तौडगढ़ जिले की बड़ीसादड़ी सीट से विधायक गौतम दक का टिकट कटने के बाद से उनके समर्थकों में गहरी नाराजगी है। विरोध भी हो रहा है। विधानसभा क्षेत्र के आठ में से सात मंडल अध्यक्ष दक को फिर प्रत्याशी बनाने की मांग करते हुए जिलाध्यक्ष रतनलाल गाडऱी को इस्तीफा सौंप चुके हैं। उन्होंने मंगलवार तक इस मामले में ठोस कदम नहीं उठाए जाने पर बागी तेवर अपनाने की चेतावनी भी दे रखी है। हालांकि इस मामले में विधायक गौतम दक अभी खुलकर नहीं बोल रहे है।
सागवाड़ा विधायक अनीता कटारा ने टिकट कटने के बाद बागी तेवर दिखाना शुरू कर दिए है। उनका कहना है कि पार्टी ने अपना फैसला नहीं बदला तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ेगी। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अभी तक पार्टी की ओर से उनको किसी ने भी मनाने का प्रयास नहीं किया है। कटारा ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि प्रदेश के सभी बड़े नेताओं और कमेटी सदस्यों से मिली थी। सभी ने उनको कहा था कि आपका टिकट तो लगभग तय ही है। उन्होंने कहा कि जो लोग बड़े नेताओं जी हुजूरी करते हैं। वे ही पार्टी में आगे बढ़ रहे हैं।
टिकट कटने के बाद हबीबुर्रहमान का रुख अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस की ओर हो रहा है। नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने भी कन्हैयालाल झंवर और हबीबुर्हमान के पार्टी में में आने के संकेत दिए थे। दरअसल, भाजपा ने इस बार हबीबुर्रहमान का टिकट काटकर नागौर से मोहनराम चौधरी को मौका दिया है। टिकट कटने के बाद से हबीबुर्रहमान ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। नागौर से पांच बार विधायक रहे हबीबुर्रहमान तीन बार कांग्रेस और दो बार बीजेपी से विधायक रहे हैं। उनके पिता हाजी उस्मान भी दो बार विधायक रहे हैं। भाजपा ने टिकट काटा तो हबीबुर्रहमान अशरफी लांबा नागौर से अब कांग्रेस की टिकट पर दावं रहे हैं। कांग्रेस में उनके टिकट को पर दो मत हैं। फोन पर हबीबुर्रहमान ने पत्रिका से बातचीत में अपने टिकट कटने पर कहा कि पार्टी ने फैसला किया है। मुझे इससे ज्यादा जानकारी नहीं है।