जयपुर। ग्रहों की दशा (Grah-dasha) लोगांे के जीवन को सीधे प्रभावित करती है। आप कितने भी स्वस्थ हो, ग्रहों की दशा विपरीत होने पर बीमार होने से कोई नहीं बचा सकता है। बीमारी से लेकर सर्जरी तक ग्रहों का असर रहता है। ग्रह दशा दाम्पत्य जीवन को भी प्रभावित करती है। मानव शरीर से लेकर पारीवारिक जीवन पर ग्रह-दशा कितना प्रभावित करती है, इस पर शहर में जुटे देशभर के ज्योतिषियों ने मंथन किया।
अखिल भारतीय प्राच्य ज्योतिष शोध संस्थान की ओर से शास्त्री नगर स्थित साइंस पार्क (Science Park Jaipur ) में चल रहे तीन दिवसीय राष्ट्रीय ज्योतिष (Astrology) सम्मेलन में विभिन्न सत्रों में अलग-अलग विषयों पर ज्योतिषि चर्चा कर रहे हैं। केरल से आए दिवाकरण कप्पा कट्टू का कहना है कि चंद्रमा की दशा से खांसी-कफ संबंधी परेशानी होती है। वहीं सूर्य के असर से हार्ट अटैक व हृदय से जुड़ी बीमारी, मर्करी के कारण न्यूरो संबंधी परेशानी, बीनस व जूपिटर के कारण डायबिटीज जैसी समस्या होने की पूरी संभावना रहती है। अमावस्या व पूर्णिमा को किसी भी बीमारी की सर्जरी नहीं करानी चाहिए, इस दिन चंद्रमा की चुंबकीय शक्ति बहुत अधिक होने से ऑपरेशन में काम लिए जाने वाले उपकरण प्रभावी नहीं रहते। ऑपरेशन (operation) के लिए नवमी व दशमी तिथि अच्छी होती है। दोपहर में आमजन को नि:शुल्क ज्योतिषिय परामर्श दिया जा रहा है, जिसमें लोगों ने जन्मपत्री, हस्तरेखा, फलित, अंक गणित, टेरो कार्ड व मशीनों से ज्योतिषिय परामर्श ले रहे हैं। संस्थान के डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से 200 से अधिक ज्योतिषि भाग ले रहे हैं।