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जयपुर

ग्राम सेवक से पदोन्नत 328 सहायक सचिव बनेंगे राजपत्रित अधिकारी

rajasthan governmentपदनाम बदलने के लिए मांगी मंजूरी, कहलाएंगे अतिरिक्त विकास अधिकारी वसुंधरा सरकार के फैसले की फाइल बिना परीक्षण बढ़ी आगे

जयपुरMar 04, 2019 / 06:21 pm

hanuman galwa

raj

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हनुमान गालवा/जयपुर। प्रदेश में ग्राम सेवक से पदोन्नत हुए 328 सहायक सचिव को पदनाम बदलकर राजपत्रित अधिकारी बनाने की तैयारी है। पदनाम बदलकर राजपत्रित अधिकारी बनाने का का फैसला वसुंधरा सरकार ने लिया था, लेकिन विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते इस पर अमल नहीं हो पाया था। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद वसुंधरा सरकार के फैसले की फाइल बिना किसी परीक्षण के फिर चली है। वित्त विभाग से इसके लिए नए सिरे से मंजूरी मांगी गई है।
वसुंधरा सरकार ने जाते-जाते ग्राम सेवक संवर्ग के पदनाम को ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम विकास अधिकारी (ग्रेड पे 2400 रुपए) करने के आदेश जारी कर दिए थे। पंचायत समिति स्तर पर सहायक विकास अधिकारी (ग्रेड पे 3600 रुपए) तथा जिला परिषद स्तर पर सहायक विकास अधिकारी (ग्रेड पे 3600 रुपए)/अतिरिक्त विकास अधिकारी (ग्रेड पे 4200 रुपए) करने का फैसला हो गया था, लेकिन विधानसभा चुनाव घोषित हो जाने के बाद आचार संहिता का हवाला देते हुए वित्त विभाग ने फाइल लौटा दी थी। अतिरिक्त विकास अधिकारी पद को राजपत्रित करने का फैसला भी इसके साथ ही लिया गया था, जिसका क्रियान्वयन अटक गया था। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद पंचायती राज विभाग ने वसुंधरा शासन के इस फैसले की फाइल को बिना परीक्षण के ही फिर वित्त विभाग को मंजूरी के लिए भेजा है। माना जा रहा है कि वित्त विभाग की मंजूरी के साथ ही इसकी शीघ्र ही हो जाएगी।

वित्त विभाग ने लौटा दी थी फाइल
वसुंधरा सरकार के कार्यकाल के आखिर में पंचायत राज विभाग ने सहायक सचिव का पदनाम अतिरिक्त विकास अधिकारी तथा पंचायत प्रसार अधिकारी का पदनाम सहायक विकास अधिकारी करने के लिए नियमों के संशोधन का निर्णय लिया था। साथ ही अतिरिक्त विकास अधिकारी पद को राजपत्रित बनाने का निर्णय भी लिया गया था। इस संबंध में पत्रावली वित्त विभाग को भेजी गई थी, लेकिन वित्त विभाग ने विधानसभा चुनाव आचार संहिता के चलते इसे लौटा दिया था।

ग्राम सेवक बन चुके ग्राम विकास अधिकारी
वसुंधरा सरकार में 5 अप्रेल, 2018 को ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने ग्राम सेवक के पदनाम को ग्राम विकास अधिकारी के पदनाम में परिवर्तित करने का आदेश जारी कर दिया था। तत्कालीन ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कर्मचारी संगठनों से हुए समझौते की पालना में यह कदम उठाया। इस आदेश में साफ कहा गया है कि ग्राम विकास अधिकारी का पदनाम होने पर अभी अथवा भविष्य में न तो कोई अतिरिक्त वित्तीय लाभ मांगा जाएगा तथा ना ही इस पद को राजपत्रित घोषित करने की मांग की जाएगी।

अधिकारी ही अधिकारी दिखेंगे
पंचायतीराज तथा अन्य विभागों मे मंत्रालयिक संवर्ग के पदनामों में दो बार बदलाव हो चुका है। सहायक सचिव के समकक्ष कार्यालय अधीक्षक को अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी पदानाम लेकर राजपत्रित घोषित किया जा जा चुका है। ग्राम सेवक से पदोन्नत सहायक सचिव को राजपत्रित बनाने का कुछ कर्मचारी नेताओं ने विरोध किया तो उनसे कहा गया बताते हैं कि आप भी ऐसी मांग ले आइए, पूरी करवा देते हैं। पदनाम की राजनीति का यही आलम रहा तो भविष्य में सभी विभागों में अधिकारी ही अधिकारी दिखेंगे…कर्मचारियों का अभाव पैदा हो जाएगा।
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पंचायती राज विभाग में सहायक सचिव का पदनाम बदलकर अतिरिक्त सचिव करने तथा राजपत्रित घोषित करने के लंबित फैसले का प्रदेश की गहलोत सरकार ने क्रियान्वयन किया है। हम गहलोत सरकार के प्रति आभारी हैं।
– सोहन डारा, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान पंचायत प्रसार अधिकारी संघ

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