मां देयमती सेठिया ने काफी मेहनत व मशक्कत कर बच्चों को पढ़ा लिखाकर बड़ा किया था, लेकिन इस दौड़भाग में उनके पक्के मकान का सपना ही पूरा नहीं हो पाया। इसलिए देवेंद्र की वाहिश थी कि वह अपनी मां के लिए पक्का व अच्छा मकान बनाए और आगे की जिंदगी आराम से कटे। इसके लिए काम भी शुरू कर दिया था। लेकिन इससे पहले कि मकान का काम पूरा हो पाता नक्सलियों की कायराना करतूत ने उसकी जिंदगी छीन ली।
क्या था मामला लोकसभा चुनाव के दौरान शुक्रवार की सुबह बीजापुर केे उसूर के अंतगर्त गलगम क्षेत्र में हुए यूबीजीएल ब्लास्ट में सीआरपीएफ की 196 वीं वाहिनी के आरक्षक व कोतवाली थाना क्षेत्र के धोबीगुड़ा निवासी देवेंद्र सेठिया घायल हो गए थे। इलाज के लिए उन्हें मेकाज लाया गया जहां इलाज के दौरान वे शहीद हो गए। जवान के पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के बाद शनिवार को सबसे पहले सुबह 8 बजे सीआरपीएफ के 80 वीं वाहिनी के मुयालय लाया गया। यहां पुलिस के आला अधिकारी व जनप्रतिनिधि यहां पहुंचे और उन्हें श्रृद्धांजलि अर्पित की।