about- न खुद का कॉलेज और न रिसर्च सेंटर, मनमाने सेटअप से परीक्षा और मूल्यांकन एजेंसी बनकर रह गया संस्थान
प्रदेश के बाहर एेसी व्यवस्था
सूत्रों के अनुसार पूर्व में नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज को ही यूनिवर्सिटी के बतौर बनाने का प्रस्ताव था। लेकिन, चिकित्सा शिक्षा विभाग मेडिकल कॉलेज से प्रत्यक्ष नियंत्रण छोडऩा नहीं चाहता था। अधिकारियों के सीधे निगरानी की इच्छाशक्ति के चलते बिना किसी शिक्षण विभाग के विकास की योजना तय किए बिना ही एमयू की स्थापना कर दी गई। जबकि, आंध प्रदेश, राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों में राज्य सरकारों ने अपने स्तर पर मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना की है, वहीं सरकारी कॉलेजों को उनके प्रत्यक्षण नियंत्रण में रखा गया है।
3 साल और 312 कॉलेज
एमयू की स्थापना को करीब 7 साल हो गए हैं, लेकिन शिक्षण सत्र का संचालन तीन वर्ष से हो रहा है। विवि से 312 के लगभग कॉलेज सम्बद्ध है। इसमें कई सरकारी मेडिकल, आयुर्वेद, नर्सिंग कॉलेज शामिल हैं। इनमें से किसी पर भी एमयू का प्रत्यक्षण नियंत्रण नहीं है। सभी संस्थान चिकित्सा विभाग के अधीन हैं। वहीं, राज्य सरकार द्वारा बुनियादी संरचना तैयार करने के लिए किसी प्रकार का आर्थिक अनुदान नहीं दिए जाने से एमयू कैम्पस में शिक्षण और रिसर्च सेंटर की स्थापना का मार्ग बंद है।
शहर की ये यूनिवर्सिटीज
– रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय : कैम्पस में ही लगभग 28 शिक्षण विभाग और शोध केंद्र संचालित है। करीब 260 सरकारी और निजी कॉलेज सम्बद्ध हैं।
– जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि : यूनिवर्सिटी के पांच एग्रीकल्चर, दो इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। कैम्पस में ही कई शोध केंद्र भी हैं।
– नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विवि : यूनिवर्सिटी के तीन वेटरनरी, पांच डिप्लोमा और एक फिशरी कॉलेज है। इसके अलावा कई शोध केंद्र हैं।
इन्हें एेसे बनाया विवि
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि: वर्ष १९९८ में भोपाल में स्थापित। पढ़ाई नहीं होती थी, इसलिए वर्ष २००२ में भोपाल के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज को विश्वविद्यालय के अधीन किया, जो अब आरजीपीवी के यूआइटी के नाम से जाना जाता है। विवि अध्यापन और शोध कार्य का केंद्र है।
अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विवि : कुछ साल पहले ही भोपाल में संस्थान की नींव रखी गई है। विवि का कैम्पस तैयार नहीं हुआ है, लेकिन विश्वविद्यालय में 19संकाय के अंतर्गत 30 से अधिक शिक्षण विभाग शुरू किए गए हैं। ये शोध केंद्र भी हैं।
धर्मशास्त्र विवि : हाल ही में राष्ट्रीय स्तर के विधि संस्थान की जबलपुर में स्थापना को मंजूरी मिली है। अभी इसका कैम्पस नहीं बना है, लेकिन विवि कैम्पस में बीएएलएलबी सहित दो विधि पाठ्यक्रम नए सत्र से शुरू होने जा रहे हैं।