खुद को बलिदान किया
युद्ध स्मारक में गुरुवार सुबह सीएमएम के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल दलीप सिंह राठौड, जीओसी मध्यभारत एरिया लेफ्टिनेंट जनरल राजेश राणा, चीफ ऑफ स्टाफ मध्यभारत एरिया मेजर जनरल जेएस गिल और वरिष्ठ सैन्य एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों ने जम्मू एवं कश्मीर रेजीमेंटल सेंटर के युद्ध स्मारक में पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि दी। सैन्य अधिकारियों का कहना था कि इस तरह के अवसर वीर शहीदों के परिवार और उनके आश्रितों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाने का काम करते हैं, जिन्होनें राष्ट्र की रक्षा में अपना बलिदान दिया।
जाना सैनिकों के परिजनों का हाल
लेफ्टिनेंट जनरल राजेश राणा, आवा की क्षेत्रीय अध्यक्ष सुषमा राणा ने मध्य भारत एरिया की वीर नारियों, दिवंगत सैनिकों की धर्मपत्नी और भूतपूर्व सैनिकों से बातचीत कर उनका हाल जाना। यही नहीं शहीदों के बलिदान के प्रति अपनी कृतज्ञता भी प्रकट की। जीओसी ने इस मौके पर कहा कि सेना देश की रक्षा में जुटे सैनिक, शहीद के परिजनों के साथ सदैव सहयोग करती रहेगी।
इसलिए मनाते हैं यह दिवस
26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी। इस दिन को हर वर्ष विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। करीब 60 दिनोंं तक चला कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर देशवासी को गर्व है। ऑपरेशन विजय के तहत देश की सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को धूल चटाकर भारतीय भूमि को उनके चंगुल से मुक्त कराया। करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ी गई। इस जंग में देश ने लगभग 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं को खोया था, वहीं 1300 से ज्यादा घायल हुए थे। ये घायल जवान भी तब मुस्कुरा उठे जब कारगिल की चोटी पर प्यार तिरंगा शान से लहराया। कारगिल के बलिदानियों का कृतित्व अविस्मरणीय और वंदनीय है।