पिछले साल की यदि तुलना की जाए तो इस वर्ष करीब 10 फीसदी बोवनी का काम बारिश नहीं होने से पिछड़ गया है। किसानों को सावन माह से जोरदार बारिश का इंतजार है। अगर सावन माह में भी ऐसा ही बीत गया तो फिर धान की फसल पर खतरा मंडराने लगेगा। सिहोरा मझौली तहसील में धान की बोनी अब तक सिर्फ छिटका पद्धति से हुई है। बारिश नहीं होने से किसानों ने रोपा भी लगा दिया, क्योंकि अब बोवनी के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है।
42 हजार हेक्टेयर धान की बोवनी का लक्ष्य
कृषि विभाग में वर्ष 2019-20 के लिए सिहोरा और मझौली तहसील में 42 हजार हेक्टेयर धान की बोवनी का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा उड़द 10 हजार हेक्टेयर, मूंग 7 हजार हेक्टेयर, अरहर 4 सौ हेक्टेयर, सोयाबीन 20 हेक्टेयर और तेल 90 हेक्टेयर अन्य फसलें शामिल हैं। कृषि विभाग के मुताबिक जून माह में बारिश नहीं होने से धान की बोवनी पिछड़ गई। अधिकतर किसान धान का रोपा लगाने के इंतजार में थे, लेकिन बारिश नहीं होने से यह काम पिछड़ गया।
पिछले वर्ष के मुकाबले छह इंच कम बारिश
बारिश की बात की जाए तो इस वर्ष 19 जुलाई तक 232 मिलीमीटर (9 इंच) बारिश दर्ज की गई है। वर्ष 2018-19 में 19 जुलाई में 389.8 मिलीमीटर (15 इंच) बारिश दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 6 इंच कम है।
बारिश नहीं होने से किसानों ने अब रोपा भी लगा दिया है। अगर आठ दिनों में जोरदार बारिश नहीं हुई तो नुकसान होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाएगी। किसान पम्प से रोपा की सिंचाई में लगे हैं।
जीपी पटेल, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी, मझौली