वोटिंग के दौरान सोशल मीडिया पर वायरल की फोटो
वोटिंग करते हुए ईवीएम और वीवीपैट मशीन की फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल करना दो युवकों को भारी पड़ गया। इसके साथ ही दो अधिकारियों पर भी गाज गिरी है। इनमें से एक रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के गोपनीय विभाग के अधीक्षक शकील अंसारी हैं और वहीं दूसरे स्टेट फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट में सहायक अनुसंधान के पद कार्यरत मंयक मकरंद है। बता दें कि लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत यह प्रावधान है कि किस वोटर ने किस पार्टी को वोट किया। ये जानकारी पूरी तरह गोपनीय रहनी चाहिए।
मतदान केंद्र में प्रतिबंधित है मोबाइल
चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश में साफतौर पर लिखा है कि मतदान केंद्र में मोबाइल प्रतिबंधित रहता है। दोनों अधिकारियों के सस्पेंशन ऑर्डर में लिखा गया है कि दोनों अफसरों द्वारा अपने काम में लापरवाही बरती है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट तौर पर ये आदेश दिया था कि कोई भी मतदाता मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल नहीं ले जा सकेगा और मतदान की गोपनीयता को प्रभावित नहीं कर सकेगा। ऐसे में दो वोटर्स कैसे मोबाइल लेकर अंदर लेकर चले गए।