शुरुआत में भारत आॅनलाइन डेटिंग के बाजार के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ। लेकिन बाद में करोड़ लोग इससे जुड़े और कंपनियों ने जमकर पैसा कमाया। आज देश में टिंडर, ट्रूलीमैडली, आईक्रशआईफ्लश, आय्ल जैसे एप्स ने 8 करोड़ से ज्यादा लोगों का बाजार अपने लिए तैयार किया है और इस संख्या को ध्यान में रखकर ही आॅनलाइन डेटिंग के बिजनस मॉडल्स तैयार किए जा रहे हैं।
एक आंकड़े के अनुसार, आॅनलाइन डेटिंग कंपनियों ने 2018 में अब तक 1 करोड़ डॉलर से ज्यादा की कमाई कर ली है। इतना ही नहीं आने वाले सालों में आॅनलाइन डेटिंग का बाजार और बढ़ने वाला है। वेबसाइट्स को रेटिंग करने वाली कंपनी स्टैटिस्टा के अनुसार, आने वाले 4 सालों में इसके रेवेन्यू में 10 फीसदी से अधिक के इजाफे की उम्मीद है। हालांकि, यह संख्या अमरीका से कम है जहां आॅनलाइन डेटिंग का बाजार लगभग 60 करोड़ डॉलर का है।
भारत में लोग अब भी डेटिंग के मामले में आॅनलाइन विकल्प ढूंढ़ने से कतराते हैं, लेकिन ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो बेझिझक आॅनलाइन डेटिंग का सहारा लेकर अपने लिए स्थाई, अस्थाई साथी की तलाश में जुटे रहते हैं। इसमें सबसे प्रचलित एप टिंडर है, इसका भारत में एक महीने का रेवेन्यू 1से 2 करोड़ रुपए है। सबसे ज्यादा कंपनियों को तब फायदा होता है जब किसी का दिल टूटता है। ऐसा होने पर यूजर एप को इस्तेमाल करता है और कंपनियों को इससे फायदा होता है।