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बुरी खबर: अभी और बढ़ेगी महंगाई, सरकार ने खाने के तेल पर सीमा शुल्क बढ़ाया

सीमा शुल्क में बढ़ोतरी के बाद इसके दामों में बढ़ोत्तरी होती है तो आने वाले दिनों में महंगाई का और बढ़ना तय है।

नई दिल्लीJun 15, 2018 / 04:47 pm

Manoj Kumar

Edible oil

बुरी खबर: अभी और बढ़ेगी महंगाई, सरकार ने खाने के तेल पर सीमा शुल्क बढ़ाया

नई दिल्ली। पहले से ही महंगाई की मार झेल रही आम जनता को मोदी सरकार ने एक और झटका दिया है। सरकार ने खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क में भारी बढ़ोतरी कर दी है। इससे देश में इनके दाम बढ़ने की आशंका है। यदि खाद्य तेलों के दामों में बढ़ोत्तरी होती है तो आने वाले दिनों में महंगाई का और बढ़ना तय है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड की अधिसूचना में कहा गया है कि कच्चे खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 35 फीसदी कर दिया गया है। अब तक इन पर 12.5 फीसदी शुल्क लगता था।
जीएसटी से मुक्त हैं खाद्य तेल

रिफाइंड खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क अब 45 फीसदी हो गया है। पहले इन पर 20 फीसदी सीमा शुल्क लगता था। नयी अधिसूचना के माध्यम से पिछले साल जीएसटी लागू होने के बाद 30 जून को जारी अधिसूचना में बदलाव किया गया है। उल्लेखनीय है कि खाद्य पदार्थों की श्रेणी में होने के कारण इन उत्पादों को जीएसटी से छूट दी गई है तथा इन पर अब सिर्फ सीमा शुल्क लगता है।
थोक महंगाई दर मई में बढ़कर 4.43 फीसदी पर

खाद्यान्नों और ईंधन की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के कारण मई में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 4.43 फीसदी हो गई, जबकि पिछले साल के इसी महीने में यह 2.26 फीसदी दर्ज की गई थी। इस साल अप्रैल में यह दर 3.18 फीसदी थी। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से गुरुवार को यह जानकारी मिली। इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि मई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई 4.87 फीसदी थी।
खाद्य सूचकांक में 0.67 फीसदी की बढ़ोत्तरी

डब्ल्यूपीआई खाद्य सूचकांक में समीक्षाधीन माह में अप्रैल की तुलना में 0.67 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 1.12 फीसदी रही। समीक्षाधीन माह में प्राथमिक वस्तुओं पर खर्च बढ़कर 3.16 फीसदी हो गया, जबकि इसके पिछले महीने यह (-)1.71 फीसदी पर थी। डब्ल्यूपीआई सूचकांक में प्राथमिक वस्तुओं का भारत 22.62 फीसदी है। प्राथमिक वस्तुओं में खानेपीने की चीजों का सूचकांक में 15.26 फीसदी भार है, जोकि पिछले महीने बढ़कर 1.60 फीसदी पर पहुंच गई, जबकि एक साल पहले मई में (-)2.13 (नकारात्मक) पर थी।

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