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कृषि मंत्री से व्यापारी बोले – मंडी में न पानी न ही बैठने की व्यवस्था

कृषि मंत्री से व्यापारी बोले – मंडी में न पानी न ही बैठने की व्यवस्था

इंदौरJan 16, 2019 / 12:02 pm

हुसैन अली

indore

कृषि मंत्री से व्यापारी बोले – मंडी में न पानी न ही बैठने की व्यवस्था

इंदौर. चोइथराम फल-सब्जी मंडी में किसानों और व्यापारियों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। बोरिंग की अनुमति भी अधर में है। गत वर्ष हुए अग्निकांड में नष्ट दुकानों का निर्माण नहीं हुआ है। किसानों के लिए स्थायी भुगतान केंद्र भी नहीं है। व्यापारियों ने कृषि मंत्री सचिन यादव से मंडी में अव्यवस्थाएं दूर करने की गुहार लगाई।
दरअसल, चोइथराम मंडी में मार्च 2018 में लगी आग में 36 दुकानें चपेट में आई थीं। इनमें 27 पूरी तरह जल गई थीं। व्यापारी संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाश परिडवाल ने बताया, मंडी प्रशासन को कई बार इस संबंध में अवगत कराने के बाद भी ध्यान नहीं दिया गया। दुकानों का पुनर्निर्माण किया जाए।
टैंकरों से बुला रहे पानी
परिडवाल ने बताया, फल मंडी में सबसे अधिक परेशानी पीने के पानी की है। शेड निर्माण के दौरान फूटी पाइप लाइन को दुरुस्त नहीं कराए जाने से टंकी भरने के लिए टैंकरों से पानी बुलाया जा रहा है। मंडी प्रशासन से परिसर में बोरिंग कराने की मांग की गई, लेकिन स्थिति यथावत है।
लगता है जाम
मंडी में अलसुबह से जाम लगने लगता है। इसकी सबसे बड़ी वजह परिसर में छोटे व्यापारियों को बैठने की जगह और कृषकों को भुगतान के लिए स्थायी केंद्र न होना है। छोटे व्यापारियों को व्यापार में परेशानी उठानी पड़ती है। मंडी सचिव द्वारा गेट नंबर दो और तीन के सामने स्थायी भुगतान केंद्र बनाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन नहीं बनाया गया। उनका कहना है, स्थायी भुगतान केंद्र बनने से जाम की परेशानी से भी काफी हद तक मुक्ति मिल जाएगी।

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