परिडवाल ने बताया, फल मंडी में सबसे अधिक परेशानी पीने के पानी की है। शेड निर्माण के दौरान फूटी पाइप लाइन को दुरुस्त नहीं कराए जाने से टंकी भरने के लिए टैंकरों से पानी बुलाया जा रहा है। मंडी प्रशासन से परिसर में बोरिंग कराने की मांग की गई, लेकिन स्थिति यथावत है।
मंडी में अलसुबह से जाम लगने लगता है। इसकी सबसे बड़ी वजह परिसर में छोटे व्यापारियों को बैठने की जगह और कृषकों को भुगतान के लिए स्थायी केंद्र न होना है। छोटे व्यापारियों को व्यापार में परेशानी उठानी पड़ती है। मंडी सचिव द्वारा गेट नंबर दो और तीन के सामने स्थायी भुगतान केंद्र बनाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन नहीं बनाया गया। उनका कहना है, स्थायी भुगतान केंद्र बनने से जाम की परेशानी से भी काफी हद तक मुक्ति मिल जाएगी।