अपने राजनीतिक जीवन में शहरी क्षेत्र में काम करने वाले सांसद शंकर लालवानी अब ग्रामीण क्षेत्र में भी मजबूत पकड़ बनाना चाहते हैं। उन्हें मालूम है कि ध्यान नहीं दिया तो भविष्य में गुत्थी उलझ जाएगा, क्योंकि आठ बार की सांसद रही सुमित्रा महाजन की जब-जब नाव डोली गांव ने ही संभाली। इसलिए लालवानी भी अपने ठिए मजबूत रखना चाहते हैं।
इसके चलते उन्होंने संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा से सहमति लेकर दो बार जिला अध्यक्ष रहे रवि रावलिया को अपना सांसद प्रतिनिधि नियुक्ति कर दिया। इसको लेकर लालवानी व रावलिया ने एक रणनीति और बनाई गई है। नियुक्तियों का ये सिलसिला अभी थमने वाला नहीं है। अब संगठन व स्थानीय जनप्रतिनिधि से पूछकर जिला पंचायत के वार्डों में भी प्रतिनिधि बनाए जाएंगे।
उसके अलावा जनपद व नगर पंचायत में भी नियुक्ति की जाएगी। ऐसा करके लालवानी की पकड़ सीधे पूरे ग्रामीण क्षेत्र में हो जाएगी। हर थोड़े-थोड़े दिनों में रावलिया सभी के साथ बैठकें करेंगे और विकास कार्यों की जानकारी लेंगे। इसके अलावा सांसद निधि का वितरण भी इनकी अनुशंसा के बाद ही होगा।
दस साल से थे देवराज
पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन की खुद ग्रामीण क्षेत्र में पकड़ खासी मजबूत थी। कई नेताओं को वे नाम से पहचानती थीं फिर भी पूरे क्षेत्र की सीधी जानकारी के लिए उन्होंने वरिष्ठ नेता देवराजसिंह परिहार को अपना प्रतिनिधि बना रखा था। समय-समय पर सिंह दौरे करते थे और मौका आने पर महाजन की बैठक कराते थे या उनका दौरा भी करा देते थे। सिंह करीब एक दशक उनके प्रतिनिधि रहे।
मंडलों की भी होंगी बैठकें
लालवानी ने मनोज पटेल के साथ देपालपुर विधानसभा से ग्रामीण क्षेत्र का दौरा शुरू कर दिया। वे सभी मंडलों में एक-एक कर दस्तक देंगे, जिसमें रावलिया के साथ प्रमुख नेता रहेंगे। वे प्रयास करेंगे कि नेताओं के बीच की आपसी खींचतान कम हो ताकि होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में पार्टी जीत दर्ज करा सकें।