आठ साल पुराना है मामला करीब 8 साल पुराने केस में जब सारे तथ्य कोर्ट के समक्ष आए तो कोर्ट ने बीमा कंपनी को तगड़ी फटकार लगाते हुए 5 लाख 20 हजार रुपए मय आठ साल के 9 फीसदी वार्षिक ब्याज से चुकाने के आदेश दिए हैं। मानसिक संत्रास के लिए पांच हजार रुपए और परिवाद शुल्क के दो हजार रुपए भी बीमा कंपनी को ही चुकाने होंगे।
कोर्ट ने खारिज की कंपनी की दलील 13 जुलाई को बीमा कंपनी को दुर्घटना की सूचना कर दी गई थी और क्लैम राशि का दावा लगाया। बीमा कंपनी ने 22 मार्च 2007 को दावा निरस्त कर दिया था। कंपनी का कहना था गाड़ी का बीमा 10 जून को हुआ था और कवर नोट शाम 4.10 बजे जारी किया है, जबकि एक्सीडेंट दोपहर एक से 1.30 के बीच हुआ है। कंपनी ने यह भी कहा परिवादी ने फर्जी कवर नोट लगाया है इसलिए बीमा राशि नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने माना है कि बीमा 10 जून की मिडनाइट से ही मान्य होगा और दुर्घटना दोपहर में हुई है इसलिए राशि चुकाना होगाी।
ड्राइवर की मौके पर हो गई थी मौत एडवोकेट अभिषेक गिलके के मुताबिक मामला इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी से जुड़ा है। मूल रूप से अहमदाबाद में रहने वाली संगीता बेन कांकरिया ने 26 मई 2006 को एक चार पहिया वाहन खरीदा था और 10 जून 2006 से 9 जून 2007 की अवधि के बीच बीमा कराया, जिसका प्रीमियम 22,403 रुपए था। 10 जून 2006 को संगीता बेन अपने पति और ड्राइवर के साथ कार से सफर कर रही थी अहमदाबाद के पास दोपहर 2 से 2.30 के बीच ट्रक ने उनके वाहनों को टक्कर मार दी। दुर्घटना में ड्राइवर की मौके पर मौत हो गई और संगीता बेन व पति भी गंभीर रूप से घायल हुए थे। उपचार में करीब ३ लाख रुपए खर्च हुआ।