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शिक्षकों के लिए आई बुरी खबर, शासन ने सुनाया ऐसा फरमान कि मच जाएगा हडक़ंप जस्टिस एससी शर्मा और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला की युगल पीठ में राज्य सरकार, नगर निगम और टॉवर एसोसिएशन सहित रिलायंस जियो के वकीलों ने अपने तर्क रखे। सरकार का कहना है, आम जनता की सहुलियत के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में स्मार्ट पोल लगाए जाएंगे। इनसे सिर्फ मोबाइल नेटवर्क ही नहीं कैमरे, वाइफाई सहित अन्य सुविधाएं भी होंगी। एक ही कंपनी को टेंडर देने से बार-बार सडक़ें नहीं खोदना पड़ेंगी और जनता को परेशान नहीं होना होगा। वहीं, टॉवर एसोसिएशन ने कहा कि सरकार और नगर निगम को किसी भी एक कंपनी को ऐसा टेंडर देने का अधिकार नहीं है। सितंबर 2018 से हाई कोर्ट में विचाराधीन याचिका पर हाई कोर्ट ने टेंडर पर रोक लगा दी थी, जो अब भी जारी है।
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1 सितंबर से बंद होगा सनावद-ओंकारेश्वर मीटरगेज ट्रैक, ये है महू से चलने वाली ट्रेनों का नया टाइम टेबल केंद्र सरकार के वकील दीपक रावल ने बताया, स्मार्ट टॉवर के लिए रिलायंस जियो को दिए टेंडर के तहत जियो के अलावा अन्य कंपनी क्षेत्र में कोई भी टॉवर नहीं लगा सकेगी, उन्हें टॉवर लगाने के लिए सरकार के बजाए जियो से इजाजत लेनी होगी। इस बिंदु को लेकर टॉवर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ने याचिका दायर की है। केंद्र सरकार का इस मामले में कहना है कि कोई भी राज्य सरकार इस तरह का टेंडर नहीं जारी कर सकती है, इसके अधिकार केंद्र को ही हैं।