भाजपा की जीत में हर बार मदद करने वाले इस बूथ के रहवासियों ने भले ही विधायक मालिनी गौड़ को क्षेत्र में सबसे अधिक वोट दिए, लेकिन इनकी ड्रेनेज व्यवस्था गड़बड़ है। कॉलोनी के कुछ हिस्से में आधी-अधूरी ड्रेनेज लाइन डली है, जबकि कुछ हिस्से में लाइन ही नहीं है। बारिश के दिनों में यहां के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि, क्षेत्र की सडक़, सफाई और पानी की व्यवस्था से जनता संतुष्ट है। क्षेत्र में कांग्रेस को मजबूती देने वाले बूथ 226 के रहवासी विधायक के बजाए क्षेत्रीय कांग्रेस पार्षद से खुश हैं। यहां की विजय पैलेस कॉलोनी एक समय गंदी बस्ती में शुमार थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षो में सफाई भी ठीक है और सडक़ें भीं।
भाजपा: बूथ क्रमांक 90
भाजपा को मिले वोट – 921
कांगे्रस को मिले वोट – 274
कुल पड़े वोट – 1233 ड्रेनेज समस्या काफी पुरानी है। बारिश में द्वारिकापुरी क्षेत्र की सडक़ों पर 3-3 फीट तक पानी भर जाता है।
चिंरजीव भाटी, रहवासी, बूथ 90
कांग्रेस को हमारे बूथ से अधिक वोट मिलने की सजा यहां की जनता को मिल रही है। चुनाव बाद गौड़ नजर नहीं आईं।
अफजल बेग, रहवासी, बूथ 226 कांग्रेस: बूथ क्रमांक 226
कांग्रेस को मिले वोट – 878
भाजपा को मिले वोट – 64
कुल पड़े वोट – 988
क्षेत्र में घर-घर कचरा उठाने वाली गाडिय़ा समय से आती हैं। सडक़ें भी सुधरी हैं। गार्डन पर अवैध कब्जे हैं, कार्रवाई हो।
महेंद्र सोलंकी, रहवासी, बूथ 90 आपराधिक घटनाएं नहीं रुक रही। बस्तियों में आपराधिक किस्म के लोग सक्रिय हैं, क्षेत्र में पुलिस चौकी की जरूरत है।
शाहबाज खान, रहवासी, बूथ 226
आमने-सामने
द्वारकापुरी क्षेत्र के वार्ड 84 में ड्रेनेज लाइन को लेकर प्रस्ताव बन चुका है। जल्द काम शुरू होगा। वार्ड 73 के बूथ 226 की उपेक्षा का सवाल ही नहीं उठता। किसी भी तरह की कोई कमी नहीं है।
मालिनी गौड़, विधायक
विधायक ने जनता से धोखा किया है। कई कॉलोनियों में आज भी ड्रेनेज लाइन नहीं है। नर्मदा का पानी नहीं पहुंचा। गुंडा गर्दी और चंदा खोरी चरम पर है। अवैध कॉलोनियां वैध नहीं हो सकीं।
सुरेश मिंडा, कांग्रेस प्रत्याशी (2013)