नए फिटनेस सेंटर के लिए परिवहन विभाग के पास ३ एकड़ जमीन तो है, पर केंद्र शासन के नियमानुसार निर्माण की शर्त के चलते अब तक फिटनेस सेंटर की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई। इसके लिए 1 अक्टूबर तक का समय तय किया गया था। इसे लेकर आरटीओ द्वारा राज्य सरकार व केंद्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भी भेजा गया था।
केंद्र शासन के आदेश दिए थे कि देश में कमर्शियल वाहनों का फिटनेस टेस्ट करने के लिए ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर बनाए जाए। इसके लिए 1 अक्टूबर 2017 तक का समय तय किया गया। केंद्र की ओर से प्रदेश मुख्यालय को प्रदेश के प्रमुख शहरों में इस तरह के सेंटर स्थापित करने और इसके लिए क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं और क्या जरूरत है इसकी जानकारी मांगी थी। मुख्यालय के निर्देश पर इंदौर कार्यालय से यह जानकारी भोपाल और दिल्ली भेज दी गई थी।
– जांच अभी की तरह सिर्फ बाहरी न होकर आंतरिक होगी।
– वाहन की जांच के लिए अलग-अलग मशीनें लगाना होंगी।
– जांच में इंजन की स्थिति, धुएं की मात्रा, व्हील बेस चैङ्क्षकग होगी।
– वाहन की वीडियोग्राफी करने के बाद सर्टिफिकेट मिलेगा।
सेल्फ खराब, स्कूल बस को धक्का मार करना पड़ा स्टार्ट
स्कूली बच्चों की परिवहन व्यवस्था को लेकर अब भी स्कूल प्रबंधन बिलकुल भी सतर्कता नहीं बरत रहे हैं। परिवहन विभाग द्वारा मंगलवार को फिर 7 स्कूलों की 69 बसों की चैकिंग की। इस दौरान 5 बसों का फिटनेस सर्टिफिकेट मौके पर ही निरस्त किया गया। जांच के दौरान रेयान इंटरनेशनल स्कूल की एक बस का सेल्फ खराब मिला। उक्त बस को धक्का मारकर स्टार्ट करना पड़ रहा था। इस पर आरटीओ की टीम ने बस का फिटनेस मौके पर ही निरस्त कर दिया। इसके अलावा कुछ बसों में इमरजेंसी गेट बंद था तो कुछ बसों में गेट को सीटें लगाकर बंद कर दिया था। कुछ बसों का फ्लोर एरिया खराब होने के साथ ही बसों के टायर बेंड और घिसे हुए मिले। स्कूल बसों के संचालन में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और प्रदेश सरकारों के निर्देशों का पालन हो रहा है या नहीं, इसकी जांच के लिए परिवहन विभाग ने सोमवार से चैकिंग अभियान शुरू किया। इसमें मंगलवार को आइपीएस स्कूल सांवेर, श्रीराम स्कूल, लीवा स्कूल, परख हायर सेकेंडरी स्कूल, स्प्रिंग फ्लॉवर एकेडमी, कसेरा विद्या निकेतन व रेयान इंटरनेशल स्कूल की 69 से अधिक बसों की जांच की गई। इस दौरान कुछ बसों को मौके पर ही चलवाकर भी
देखा गया।