शीर्ष नेताओं से लेकर सहयोगियों का डाटा
नक्सल ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि नक्सल एंड क्रिमिनल डेटाबेस एनॉलिसिस सिस्टम के जरिए शीर्ष नक्सलियों से लेकर उनके सहयोगियों का डाटा रखा जाएगा। उनकी लोकेशन से लेकर हिंसात्मक घटना का विवरण तैयार होगा। यहां तक की उनके द्वारा फेंके गए पर्चे, पोस्टर-बैनर, जारी किए गए वीडियो, और नक्सल साहित्य का हिसाब रखा जाएगा। वारदातों के तौर-तरीके और विस्फोटकों के उपयोग और पकड़े गए नक्सलियों से मिली जानकारी भी अपलोड की जाएगी। ताकि कई बार मुठभेड़ में नक्सली के मारे जाने के बाद होने वाले दोषारोपण का जवाब दिया जा सकें।
सर्वर से जुड़े सभी जिले
नक्सल अपराध और नक्सलियों से संबंधित जानकारी एकत्रित करने के लिए एसआईबी की जिला टीम को सीधे सर्वर से कनेक्ट किया जाएगा। सभी को आईडी और पासवर्ड दिया जाएगा। वह अपने क्षेत्र में सक्रिय नक्सली संगठन और उनकी गतिविधियों का खाका तैयार करने के बाद साफ्टवेयर में फिट करेंगे। इसके आधार पर इलाके का मैप तैयार किया जाएगा। साथ ही फोर्स और इंटेलिजेंस की टीम सादी वर्दीं में तैनाती की जाएगी।
मददगारों पर कसेगा शिकंजा
साफ्वेटयर के आधार पर नक्सलियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मदद करने वालों को चिन्हाकिंत करने में मदद मिलेगी। साथ ही शहरी और अंतराराज्यीय नेटवर्क को तोड़ने में आसानी होगी। बता दें कि इस समय दर्जनों शीर्ष नक्सलियों के वास्तविक नाम-फोटो और साथ लेकर चलने वाले हथियारों तक की जानकारी तक पुलिस के पास नहीं है। साफ्टवेयर के शुरू होने के बाद सभी को अपडेट किया जाएगा। वहीं लड़ाकों की जानकारी एकत्रित करने के बाद इसे फिड किया जाएगा।