करीमनगर की सभा में अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि ”कोई हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकता। याद रखो दुनिया उसे ही डराती है जो डरता है। दुनिया उसी से डरती है जो डराना जानता है। इसी के साथ उन्होंने अपने पुराने 15 मिनट वाले बयान का भी जिक्र किया जिसे लेकर भी उनकी मुसीबत बढ़ गई थी। ”ओवैसी ने मॉब लिंचिंग के मुद्ये पर सभा में बात की। मुस्लिम युवकों को शेर बनने की सलाह देते उन्होंने कहा था कि ‘मुसलमानों को शेर बनना होगा जिससे कोई चायवाला उनके सामने आकर खड़ा नहीं हो पाए।”
ओवैसी के इस बयान के बाद करीमनगर के एक अधिवक्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवानी चाही तो कोई कानूनी आधार नहीं होने का हवाला देकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज से मना कर दिया। इसके बाद भाजपा नेता बेती महिंदर रेड्डी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। जिसके बाद करीमनगर की जिला अदालत ने अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ धारा 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने) और आईपीसी की धारा 153 बी और 506 के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया। किसी भी वक्त एफआईआर दर्ज की जा सकती है।
15 मिनट को लेकर भी हुआ था बवाल
साल 2013 में अकबरुद्दीन ओवैसी ने बयान दिया था कि ‘हम 25 करोड़ हैं और तुम 100 करोड़, 15 मिनट के लिए पुलिस हटाओ, देख लेंगे किसमें दम है।”