बता दें कि, चंद्रबाबू अपने परिवार समेत पहले ही वहां से निकल कर हैदराबाद में सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित हो चुके हैं। उधर, टीडीपी अध्यक्ष के बेटे नारा लोकेश ने नोटिस को एक राजनीतिक साजिश करार दिया है। हालांकि, कृष्णा नदी में बाढ़ की आशंका के चलते उंडावल्ली और तुल्लुरु गांवों के 38 घरों को खाली करने का नोटिस दिया है। विधायक नारा लोकेश का मानना है कि चंद्रबाबू से घर खाली कराने के लिए सत्ताधारी पार्टी बाढ़ की स्थिति को एक बहाना बना रही है। आंध्र प्रदेश के गुंटूर और कृष्णा जिले से 11 हजार लोगों को राहत कैम्पों में भेजा गया है। गांव के अधिकारियों के अनुसार, नोटिस घर पर चिपकाया गया है क्योंकि बाढ़ का पानी उस घर में प्रवेश कर सकता है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री किराए पर रह रहे हैं।
यह लिखा नोटिस में
नोटिस में लिखा है कि 14 अगस्त से बाढ़ का पानी छोड़ा जा रहा है। अब तक लगभग 7.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी नीचे की ओर छोड़ा जा सकता है। बाढ़ का पानी घरों में घुस सकता है, नुकसान भी हो सकता है। इसलिए आपको जगह खाली करने और सुरक्षित स्थानों पर जाने का आदेश दिया गया है। यह नोटिस जनता के हित में है और किसी भी मानवीय नुकसान से बचने के लिए है।
सरकार के निशाने पर है आवास
यह दूसरी बार है जब अधिकारियों ने नायडू के निवास को खाली करने का नोटिस जारी किया है। जब वाइएसआर कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की और मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी सत्ता में आए तब नायडू को अवैध निर्माण का हवाला देते हुए इमारत खाली करने के लिए नोटिस दिया गया। बताया गया कि यह कृष्णा के तटबंध क्षेत्र में बनाया गया था। उसके तुरंत बाद, नायडू के आवास से सटे एक भवन ‘प्रजा वेदिका’ को ध्वस्त कर दिया गया। प्रजा वेदिका का निर्माण तत्कालीन टीडीपी सरकार ने किया था और इसका इस्तेमाल सरकार के साथ-साथ पार्टी की जरूरतों के लिए भी किया जाता था। जगन ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपना पहला कलेक्टर सम्मेलन आयोजित किया और यह कहते हुए इसके विध्वंस का आदेश दिया कि वह पिछली सरकार की गलती को सुधार रहे हैं क्योंकि यह एक अवैध निर्माण है।
उफान पर है कृष्णा
इससे पहले, आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन (एपीएसडीएमए) ने जानकारी दी कि विभिन्न स्थानों पर कृष्णा नदी के जल स्तर के रूप में द्वितीय स्तर की चेतावनी जारी है, जबकि अधिकांश क्षेत्रों में गोदावरी का पानी कम होना शुरू हो गया है। एसडीएमए की रिपोर्ट के अनुसार, कृष्णा नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण, कुरनूल, गुंटूर और कृष्णा के जिला अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। शनिवार की सुबह, राज्यपाल बिस्वा बुशन हरिचंदन ने राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। पूर्वी गोदावरी, पश्चिम गोदावरी, गुंटूर और कृष्णा जिलों के कई गांव भारी वर्षा के बाद बाढ़ की चपेट में हैं। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित होने के लिए कहा है।