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हुबली

राजस्थान पत्रिका परिचर्चा में बोले प्रवासी- आबू रोड हवाईपट्टी को एयरपोर्ट के रूप में विकसित कर नियमित उड़ानें शुरू कराई जानी चाहिए

रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों में पलायन को मजबूर, पानी-बिजली सरीखी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे, विकास की बाट जोह रहा जालोर लोकसभा क्षेत्र

हुबलीApr 23, 2024 / 10:01 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

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राजस्थान पत्रिका परिचर्चा में जालोर लोक सभा क्षेत्र के हुब्बल्ली में निवास कर रहे प्रवासी
अपने क्षेत्र की बात रखते हुए।

राजस्थान के जालोर-सिरोही जिलों के कई गांव आज भी प्यासे हैं। कई गावों में नल लगे हैं लेकिन पानी नहीं है। गांवों में स्वास्थ्य केन्द्र तो हैं लेकिन चिकित्साकर्मियों की कमी खल रही है। ऐसे में इलाज के लिए दूरस्थ स्थानों पर जाना पड़ रहा है। आजादी के इतने सालों बाद भी आज जालोर-सिरोही जिले पिछड़े हैं। इलाके में जितना विकास होना चाहिए उतना हुआ नहीं। इन क्षेत्रों की एक बड़ी आबादी रोजगार के लिए दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों समेत अन्य इलाकों में पलायन के लिए मजबूर है। यह इलाका रेल मार्ग से भी पूरी तरह से जुड़ नहीं पाया है। उम्मीदवार हर बार वादे तो खूब करते हैं लेकिन यह वादे चुनाव पूरे होने के बाद भुला दिए जाते हैं। प्रवासियों का कहना है कि जालोर लोकसभा क्षेत्र के लोगों को माही-व्यास का पानी मिलना चाहिए। जवाई बांध का पानी जालोर-सिरोही तक लाने का प्रयास किया जाना चाहिए। यह इलाका ग्रेनाइट के लिए विशेष पहचान रखता है। पर्यटन की भी अपार संभावनाएं हैं। जीरा एवं सौंफ उद्योग यहां की पहचान रहा है। लोगों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार दिलाने के प्रयास किए जाने चाहिए। जीरा, ईसबगोल और सौंफ आधारित प्रसंस्करण उद्योग लगाएं जाएं ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार अधिक मिल सकें। केन्द्रीय विश्वविद्यालय खुलवाने के प्रयास किए जाएं। प्रवासियों के लिए न एयर कनेक्टिविटी है और न ही रेल कनेक्टिविटी। हवाई सेवा के लिए अहमदाबाद या जोधपुर जाना पड़ता है। सिरोही, आबूरोड और जालोर की हवाई पट्टियों का विकास किया जाएं। आबू रोड हवाईपट्टी को एयरपोर्ट के रूप में विकसित कर नियमित उड़ानें शुरू कराई जानी चाहिए। हुब्बल्ली से जालोर के लिए सीधी रेल सेवा शुरू की जानी चाहिए। सिरोही-जालोर मार्ग को फोरलेन करवाकर राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया जाना चाहिए। राजस्थान पत्रिका के साथ परिचर्चा में जालोर लोक सभा क्षेत्र के हुब्बल्ली में निवास कर रहे प्रवासियों ने अपनी बात साझा की। प्रस्तुत है उनके विचार:

स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हों

ओडवाड़ा निवासी कांतिलाल राजपुरोहित कहते हैं, जालोर-सिरोही क्षेत्र पिछड़ा हुआ इलाका है। जनप्रतिनिधियों ने इस इलाके की उपेक्षा की है। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी नजर आती है। मुख्यालय तक अच्छा अस्पताल नहीं है। ऐसे में इलाज के लिए जोधपुर या पालनपुर जाना पड़ता है। हवाई पट्टी लम्बे समय से पेंडिंग है। शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोला जाना चाहिए।

गांवों में हो स्ट्रीट लाइटें

आमलारी निवासी सन्नी कांकरिया कहते हैं, इलाके में दिलवाड़ा एवं जीरावला पाŸवनाथ मंदिर बने हैं। यह अपनी तरह के शिल्पकला के नायाब मंदिर है। मानपुर में हवाई पट्टी को एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। पहले हुब्बल्ली से अहमदाबाद के लिए विमान सेवा थी जिसे लॉकडाउन के बाद से बन्द कर दिया गया। इसे फिर से शुरू किया जना चाहिए। हुब्बल्ली से उदयपुर के लिए विमान चलाए जा सकते हैं। गांवों में बिजली व्यवस्था में सुधार करना चाहिए। छोटे गांवों में स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएं।

हुब्बल्ली से हो सीधी ट्रेन

हरजी निवासी अशोक खत्री कहते हैं, बेंगलूरु से राजस्थान के लिए तकरीबन हर रोज एक ट्रेन हैं लेकिन हुब्बल्ली से राजस्थान के लिए सीधी ट्रेन एक भी नहीं है। बेंगलुरु से आने वाली अधिकांश ट्रेनें भरी रहती हैं। कम से कम सप्ताह में एक ट्रेन की रवानगी हुब्बल्ली से होनी चाहिए। जालोर-सिरोही क्षेत्र में उद्योगों की कमी खल रही है। उद्योग-धंधों का विस्तार किया जाना चाहिए। सरकारी बसों की सुविधा को भी और बेहतर बनाने की जरूरत है।
खस्ताहाल हैं सड़कें
भंवरानी निवासी मदनदास वैष्णव कहते हैं, जालोर एवं सिरोही जिलों में सड़कों की हालत खस्ता है। अधिकांश सड़कें क्षतिग्रस्त है। मुख्य मार्गों की स्थिति भी ठीक नहीं है। ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती आम है। कब बिजली चली जाएं कुछ पता नहीं रहता। भंवरानी ग्राम में अस्पताल बना हुआ है लेकिन चिकित्सक ही नहीं है। डिलीवरी के लिए 35 किमी दूर जालोर जाना पड़ता है।
नल लगे हैं, पानी नहीं
आमलारी के जैताराम चौधरी कहते हैं, इलाके में पानी की समस्या अधिक है। घरों में नल लग गए लेकिन पानी नहीं है। पानी के लिए आज भी दर-दर भटकना पड़ रहा है। बोरवेल में पानी पीने लायन ही नहीं है। जहां नर्मदा का पानी नहीं पहुंचा उन इलाकों में प्राथमिकता से नर्मदा का पानी पहुंचना चाहिए। आज भी कई गांव सरकारी बस सुविधा से वंचित है। उन छोटे गांव-कस्बों तक सरकारी बसें पहुंचें। सिरे मंदिर-सुंधा माता मंदिर को पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जा सकता है।

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