– क्षेत्र में पार्क की मांग उठती रही है लेकिन नहीं मिला। यहां बच्चों के खेलने की सुविधा नहीं है।
– वार्ड में गंदगी सबसे बड़ी समस्या, इससे लोग परेशान
– सड़के बनी लेकिन अमृत योजना में फिर खोद दी गईं। अब फिलिंग भी स्तरहीन हो रही है
यहां सबसे ज्यादा भाजपा को वोट मिले थे। लेकिन पांच साल में कुछ खास बदलाव नहीं हुए। इस बार यहां का मतदाता अपना मत बदल सकता है।
– सनी नवलानी, वार्ड निवासी सिंधी कॉलोनी
मतदान केंद्र – प्राथमिक शाला आदमगढ़
2013 में मतदान – 629 कांग्रेस को मिले बोट 380 आदमगढ़ का बूथ क्रमांक 50, जहां कांग्रेस को सर्वाधिक वोट मिले। लेकिन फिर कभी पलटकर इस तरफ नहीं देखा। हालात भी जस के तस हैं। इस बूथ में मकान नंबर 156 से 280 तक के मतदाता है। करीब 130 से अधिक परिवार के लोग वोटर हैं। रेलवे के अंडर ब्रिज के नीचे से निकल पाना आज भी मुश्किल है। आदमगढ़ रहने वालों को लंबा चक्कर काटकर शहर घूमकर पहुंचना पड़ रहा है। यहां अभी साफ-सफाई और पानी की सप्लाई बड़ा मुद्दा है। लोगों का मानना है कि यहां पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट आने के बाद गंदगी बढ़ सकती है। हालांकि वार्ड के नरेंद्र कुमार बताते हैं कि अभी तक वार्ड में कुछ नहीं बदल सका है। हमारी सड़कों के बारे में कभी विचार तक नहीं हुआ। इन तमाम हालातों के बीच दोनों दलों के जीत के दावे बरकरार हैं।
– साफ सफाई की व्यवस्था सबसे बड़ा मुद्दा है, रेलवे लाइन पास होने के कारण गंदगी पसरी रहती है – नालों से बारिश के दिनों में बैक वाटर भर जाता है, लोगों को परेशानी का सामना पिछले कई सालों से करना पड़ रहा है।
– विस्थापन भी बड़ा मुद्दा है, तीसरी लाइन डलने के बाद अभी कई परिवारों का विस्थापन शेष है
हमारे वार्ड में पांच सालों में एेसा कुछ नहीं हुआ है, जो लाभ मिला है वो प्रधानमंत्री आवास के 2.5 लाख रूपए मिले हैं। – संतोष मालवीय, निवासी आदमगढ़ होशंगाबाद