तिथि
सूर्योदय से सायंः 07.59 मिनट तक पूर्णा संज्ञक पंचमी तिथि रहेगी। पश्चात नंदा संज्ञक षष्ठी तिथि लगेगी। पंचमी तिथि में नागराज की पूजा करने से विष का भय नहीं रहता, स्त्री और संतान प्राप्त होते हैं और श्रेष्ठ लक्ष्मी भी प्राप्त होती है। षष्ठी तिथि में कार्तिकेय की पूजा करने से मनुष्य श्रेष्ठ मेधावी, रूपसंपन्न, दीर्घायु और कीर्ति को बढ़ाने वाला हो जाता है।
नक्षत्र
सूर्योदय से प्रातः 07.02 मिनट तक मिश्र साधारण विशाखा नक्षत्र रहेगा। पश्चात मृदु मैत्र अनुराधा नक्षत्र लगेगा। औषधि एवं रसायन के निर्माण, सर्जरी और चिकित्सा संबंधी अन्य कार्य के लिए विशाखा एवं अनुराधा दोनो नक्षत्र शुभ माने जाते हैं। नए पुराने वाहनो का क्रय-विक्रय वाहन के उपयोग, वाहन से यात्रा करने या सवारी आदि के लिए अनुराधा नक्षत्र शुभ माने गए हैं।
योग
सूर्योदय से सायंः 06.13 मिनट तक वज्र योग रहेगा पश्चात सिद्धि योग लगेगा। वज्र योग के स्वामी वरुण देव माने जाते हैं, जबकि सिद्धि योग के स्वामी गजानन जी महाराज माने गए हैं।
विशिष्ट योग
वज्र योग को अशुभ योग माना गया है। किसी भी कार्य की शुरुआत के लिए वज्र योग के प्रथम 03.36 मिनट का त्याग करना चाहिए। सिद्धि योग बेहद शुभ होता है। इसमें किए गए धार्मिक कार्य सफल होते हैं।
आज का शुभ मुहूर्त
अनुकूल समय में यज्ञोपवीत संस्कार करने के लिए शुभ मुहूर्त है।
श्रेष्ठ चौघड़िए
प्रातः 06.27 मिनट से 07.58 मिनट तक अमृत का चौघड़िया रहेगा। प्रातः 09.28 मिनट से 10.59 मिनट तक शुभ का चौघड़िया रहेगा। एवं दोपहर 02.01 मिनट से सायंः 06.33 मिनट तक क्रमशः चंचल लाभ व अमृत के चौघड़िया रहेंगे।
करण
सूर्योदय से प्रातः 08.26 मिनट तक कौलव नामक करण रहेगा। इसके पश्चात तैतिल नामक करण लगेगा। इसके पश्चात गर नामक करण लगेगा।
व्रतोत्सव
व्रत/पर्वः श्रीरंग पंचमी। श्री पंचमी। श्री जयंती। मेला नवचंडी (मेरठ)।
चंद्रमाः सूर्योदय से लेकर संपूर्ण दिवस पर्यन्त तक चंद्रमा जल तत्व की वृश्चिक राशि में रहेंगे।
दिशाशूलः पूर्व दिशा में। अगर हो सके तो आज पूर्व दिशा में की जाने वाली यात्रा को टाल दें।
राहु कालः प्रातः 07.58.16 से सायंः 09.28.59 तक राहु काल वेला रहेगी। अगर हो सके इस समय में शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए।