एसवाईएल के मुद्दे पर अकाली दल के विधायक ने इनेलो से समर्थन वापस ले लिया। पूर्व समय के दौरान इनेलो के दो विधायकों का निधन होने के कारण उनकी संख्या कम होकर 17 रह गई। दो विधायकों द्वारा अपने पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने से इनेलो विधायकों की संख्या अब कम होकर 15 रह गई है। दूसरी तरफ आंकड़ों के आधार पर कांग्रेस के पास इस समय 17 विधायक हैं। पिछले करीब साढे चार साल से तीसरे नंबर वाली पार्टी अब नंबर दो पर आ गई है। नए राजनीतिक समीकरणों के बाद विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर तथा विधायक दल की नेता किरण चौधरी को औपचारिक रूप से पत्र भेजकर समूची स्थिति से अवगत करवाते हुए अपने दल की तरफ से नेता प्रतिपक्ष का नाम भेजने के लिए कहा है। हालांकि राजनीतिक दृष्टिकोण से कांग्रेस के लिए यह बड़ा अवसर है लेकिन पिछले साढे चार साल से जिस तरह कांग्रेस में गुटबाजी चल रही है उससे यह भी साफ है कि रथ यात्रा से फारिग होते ही कांग्रेस में अब नेता प्रतिपक्ष बनने लिए घमासान मचेगा। यह पार्टी हाईकमान के लिए फिर से एक बड़ी चुनौती होगी।
नए घटनाक्रम के बारे में कांग्रेस पार्टी को एक पत्र के माध्यम से सूचित कर दिया गया है। कांग्रेस की तरफ से जिस भी विधायक का नाम भेजा जाएगा उसे नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्य कर दिया जाएगा। यह प्रक्रिया विधानसभा सत्र से पहले भी अमल में लाई जा सकती है:-कंवर पाल गुर्जर, स्पीकर हरियाणा विधानसभा।
भाजपा सरकार ने पहली बार बनवाया था कार्यालय
हरियाणा की वर्तमान भाजपा सरकार के कार्यकाल में पहला अवसर था जब विधानसभा सचिवालय में नेता प्रतिपक्ष को कार्यालय दिया गया था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार ने सत्ता में आने के बाद जहां मंत्रिमंडल की बैठक में पूर्व हुड्डा सरकार द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन कैबिनेट मंत्री के समकक्ष दर्जा प्रदान करने का फैसला पलटा था वहीं नेता प्रतिपक्ष को विधानसभा सचिवालय में अलग से कार्यालय व स्टाफ प्रदान करने का फैसला भी मनोहर सरकार ने किया था।