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हरियाणा में जीटी रोड की विधानसभा सीटों के लिए घमासान,सत्तारूढ भाजपा और कांग्रेस अभी से कर रहे कवायद

चंडीगढ से नई दिल्ली के बीच करीब ढाई सौ किलोमीटर के फासले में हरियाणा विधानसभा की करीब दो दर्जन सीटें आती है…

हिसारSep 09, 2018 / 06:35 pm

Prateek

(चंडीगढ): हरियाणा में विधानसभा चुनाव अभी करीब एक वर्ष के फासले पर हैं लेकिन सत्ता के लिए दौड अपने चरम पर दिखाई देती है। यूं तो सत्ता हासिल करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक दल अपनी गतिविधियां समूचे प्रदेश में जारी रखे हुए हैं लेकिन हरियाणा के लम्बे हिस्से को नापने वाले जीटी रोड पर स्थित करीब दो दर्जन विधानसभा सीटों पर सभी दलों की नजर है।


चंडीगढ से नई दिल्ली के बीच करीब ढाई सौ किलोमीटर के फासले में हरियाणा विधानसभा की करीब दो दर्जन सीटें आती है। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में इन्हीं सीटों को जीत कर भाजपा हरियाणा में पहली बार पूर्ण बहुमत से सत्तारूढ हुई थी।

 

भाजपा हरियाणा में सत्ता की दूसरी पारी चाहती है। इसके मद्येनजर तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया है। भाजपा सरकार आगामी अक्टूबर में अपने कार्यकाल के चार साल पूरा करने जा रही है। पार्टी ने इस मौके को चुनाव प्रचार के अवसर के रूप में देखा है। सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आगामी 28 अक्टूबर को जीटी रोड स्थित करनाल में राज्य स्तरीय रैली का आयोजन किया जाएगा। पार्टी की योजना है कि इस रैली को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संबोधित करें।


पिछली बार सत्ता दिलाने में जीटी रोड की सीटों के योगदान को ध्यान में रखते हुए ही सरकार की चैथी वर्षगांठ की रैली जीटी रोड के करनाल में रखी गई है। इस रैली के जरिए पार्टी जीटी रोड के सभी विधानसभा क्षेत्रों में सरकार के कामकाज की जानकारी लोगों तक पहुंचा सकेगी।

 

सत्तारूढ भाजपा ने हाल में चुनाव की तैयारियों को और तेज किया है। पार्टी ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव प्रभारी भी नियुक्त कर दिए है। ये प्रभारी बूथ स्तर तक सरकार के कामकाज को पहुंचायेंगे। सत्तारूढ भाजपा यू तो लगातार ही अपने अभियान छेडे हुए है। कुछ ही माह पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद के लिए प्रदेश में यात्रा की थी। इसके अलावा भी प्रदेशभर में रैलियों का आयोजन कर विकास की परियोजनाओं के उदघाटन या शिलान्यास किए जा रहे है। केन्द्र सरकार द्वारा खरीफ फसलों के लिए समर्थन मूल्य की घोषणा किए जाने के बाद भाजपा ने केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री को घन्यवाद के रूप में करीब आधा दर्जन रेलियों का आयोजन किया है।

 

उधर कांग्रेस को इस बात की एहसास है कि वह 2014 के विधानसभा चुनाव में जीटी रोड की सीटें हारने के कारण लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने का अपना सपना गंवा बैठी। इसलिए कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने अपनी जनक्रांति रथयात्रा के पहिए जीटी रोड की ओर मोड दिए थे। जीटी रोड के विधानसभा क्षेत्रों में अपनी जनसभाओं में हुड््डा ने बडे चुनावी वायदे किए है।

 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सत्तारूढ होते ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन तीन हजार रूपए कर दी जायेगी। उन्होंने आधी कीमत पर बिजली देने और किसानों के कर्ज माफ करने जैसे लोकलुभावन ऐलान किए है। साफ तौर पर हुड्डा को अहसास है कि यदि भाजपा को जिताने वाली जीटी रोड की सीटें कांग्रेस को फिर हासिल हो जाती है तो उसकी सत्ता में वापसी हो सकेगी। हुड्डा की जनक्रांति यात्रा के अलावा हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डाॅ अशोक तंवर ने भी अपनी साईकिल यात्रा के आधा दर्जन फेरे कर लिए है और इसमें जीटी रोड के विधानसभा क्षेत्रों कों भी शामिल किया गया।

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