इसे न्यूरोसाइंस में सिनैप्टिकल प्रूनिंग कहते हैं, जो आपके दिमाग में कम इस्तेमाल होने वाली बातों की छंटाई खुद-ब-खुद करता रहता है।आम शब्दों में कहा जाए तो इंसान का दिमाग बगीचे की तरह होता है। जिस प्रकार माली बगीचे में फल, फूल और अपनी पसंद की अन्य चीजें समय समय पर बोते हैं और पुरानी चीजों को हटा देते हैं ठीक उसी प्रकार न्यूरो सर्किट में इससे संबंधित दो तरह की कोशिकाएं होती हैं।
पहला ग्लियल कोशिका, जो नई सूचनाओं व जानकारियों को न्यूरॉन्स में सिग्रल भेजकर सक्रिय बनाए रखती हैं। यानी याद्दाश्त बनी रहती है। वहीं माइक्रोग्लियल कोशिकाएं मस्तिष्क में मौजूद पुरानी बातों को (दिमागी कचरे) डिलीट करती है। इसे ही न्यूरोसाइंस में सिनैप्टिकल प्रूनिंग कहते हैं। ऐसा होने पर वह बात लाख कोशिश के बावजूद आपको याद नहीं आती।