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myths and facts -इंसुलिन को लेकर लोगों में भ्रम, ये है इसके पीछे सच्चाई

locationजयपुरPublished: Nov 09, 2019 05:22:18 pm

Submitted by:

Hemant Pandey

डायबिटीज को लेकर बोलचाल, सोशल मीडिया और वाट्सऐप पर कई तरह की खबरें आती हैं जो भ्रम पैदा करती हैं। जैसे इतने दिन में मर्ज चला जाएगा, परिवार में किसी को है तो सबको हो जाएगी आदि। जानते हैं ऐसे ही कुछ भ्रम और उनसे जुड़ी सच्चाई-

myths and facts -इंसुलिन को लेकर लोगों में भ्रम, ये है इसके पीछे सच्चाई

myths and facts -इंसुलिन को लेकर लोगों में भ्रम, ये है इसके पीछे सच्चाई

MYTH : एक बार इंसुलिन लेने के बाद इसकी लत लग जाती है?
ऐसा नहीं है। डायबिटीज की दवा कोई नशे वाली चीज नहीं है जिसकी लत पड़ जाएगी। अधिक शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन की जरूरत पड़ती है। डॉक्टरी सलाह पर लें।
MYTH : शुगर कंट्रोल होने के बाद दवा छोड़ सकते हैं?
इसमें ग्लूकोज लेवल घटने-बढऩे का खतरा रहता है। शरीर के मुख्य अंगों को नुकसान होता है।
MYTH : जो दवा मेरे पिताजी ले रहे हैं, मैं भी ले सकता हूं?
हर व्यक्ति के वजन, डायबिटीज के प्रकार, रोग कितना पुराना है, गुर्दे की स्थिति आदि कई बातों को ध्यान में रखकर दवा तय की जाती है। दो डायबिटीज रोगी को एक जैसी दवा नहीं दी जाती है। ऐसे में पिताजी वाली दवा न लें।
MYTH : सरसों के तेल से वजन बढ़ता है?
सरसों का तेल डायबिटीज में सर्वोत्तम है और यदि किसी अन्य तेल (सोयाबिन, सूरजमुखी आदि) के साथ बराबर मात्रा में लिया जाए तो और भी अच्छा है। इससे कोलेस्ट्रॉल पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है।
MYTH : फल न खाएं, केवल जूस पीना चाहिए?
लगभग 250-500 ग्राम फल (पके केले, लीची, अंगूर, चीकू, सीताफल को छोडकऱ) प्रतिदिन खा सकते हैं। थोड़ी मात्रा में कई बार खाएं। जूस न पीएं। साबुत खाने से फाइबर भी मिलते हैं।
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