1,260 लोगों पर हुआ अध्ययन
तमिलनाडु के सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से प्रकाशित प्रमुख जोखिम कारक पूर्वानुमान चार्ट का उपयोग करते हुए एक अध्ययन किया गया जिससे पता चला है कि राज्य में सौ लोगों में से एक को दिल का दौरा या स्ट्रोक विकसित होने का उच्च जोखिम है। अध्ययन के अनुसार, हृदय को नुकसान पहुंचाने की तो कोलेस्ट्रॉल इसके लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार है। कोलेस्ट्रॉल हृदय के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसका सीधा संबंध सीवीडी से है। मोटापा, सीवीडी जोखिम कारक 60 प्रतिशत अध्ययन लोगों में देखा गया था। अध्ययन किए गए लोगों में आधी आबादी में कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक था।
63 प्रतिशत महिलाओं पर हुआ अध्ययन
इस अध्ययन में उम्र, लिंग, उच्च रक्तचाप, धूम्रपान, कुल कोलेस्ट्रॉल स्तर, उपप्रकार, एचडीएल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह को ध्यान में रखा गया और जोखिम की गणना की गई। अध्ययन किए गए प्रतिभागियों में से 63 प्रतिशत महिलाएं थीं जिनकी उम्र 40-44 के बीच थी। मोटापा, हृदय रोग के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक प्रतिभागियों में से 60 प्रतिशत में मौजूद था।केवल एक प्रश को उच्च जोखिमअध्ययन में भाग लेने वालों में दिल का दौरा या मस्तिष्क क्षति (स्ट्रोक) का जोखिम था। 76 प्रतिशत को कम जोखिम था। 23 प्रतिशत को मध्यम जोखिम था। 1 प्रतिशत को उच्च जोखिम था। इस अध्ययन के परिणाम भारत और विश्व स्तर पर किए गए अध्ययनों के परिणामों के अनुरूप थे।