एनीमिया कोई रोग नहीं है पर एक लक्षण जरूर है जिसके कई कारण हो सकते हैं। आमतौर पर इसे गंभीर समस्या माना ही नहीं जाता। एनीमिया के सामान्य लक्षण जैसे थकान, सिरदर्द, आलस, ऊर्जा की कमी आदि लक्षणों को आसानी से नजरअंदाज कर दिया जाता है। यही वजह है कि कई बार बाहर से सेहतमंद दिखाई दे रहे लोगों में भी इसकी कमी देखने को मिलती है।
माना जाता है कि लड़कियां आैर गर्भवती महिलाएं ही एनीमिया की शिकार होती हैं। हालांकि उनमें यह प्रतिशत अधिक है लेकिन बच्चों और पुरुषों में भी एनीमिया से पीडि़तों संख्या कम नही है। एनीमिया इस बात का संकेत है कि शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं आरबीसी की संख्या में कमी है। शरीर की कोशिकाओं को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। जिसे शरीर के विभिन्न भागों तक लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद हीमोग्लोबिन द्वारा ही पहुंचाया जाता है। शरीर में आयरन कम होने से आरबीसी और हीमोग्लोबिन का निर्माण प्रभावित होता है। शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जो कार्बोहाइड्रेट और वसा को जलाकर ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए जरूरी है। आरबीसी की कमी तन और मन दोनों की कार्यप्रणाली पर असर डालती है।
कितना घातक है एनीमिया एनीमिया एक आम लक्षण है और इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है पर समय रहते इलाज नही करवाने पर ये जानलेवा हो सकता है। शरीर में आरबीसी कम होने पर पूरे शरीर को ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए दिल को अधिक मात्रा में खून पंप करना पड़ता है। इससे दिल की धड़कन बढ़ जाती है और एक गंभीर अवस्था लेफ्ट वेंट्रीक्युलर हाइपरट्रॉफी एलवीएच हो सकती है। दिल की मांसपेशियों का आकार बढ़ जाता है। हार्ट फेल्योर आैर आरबीसी के जल्दी नष्ट होने का खतरा बढ़ जाता है।
बच्चों में एनीमिया उनके शारीरिक व मानसिक विकास पर असर डालता है। हालत यह है पांच साल से कम उम्र के हर 4 में से 3 बच्चों में आयरन की कमी देखने को मिलती है। यही वजह है कि लड़कियों व गर्भवती महिलाओं में इसकी कमी दूर करने के लिए सरकार की ओर से खास कार्यक्रम चलाए जाते रहे हैं। इसलिये एनीमिया के लक्षण दिखते ही अपने खानपान में बदलाव के साथ साथ चिकित्सक से भी सम्पर्क कर परामर्श लेना चाहिए।