विभाग के मुताबिक रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण लगभग ३० करोड़ ३1 लाख रुपए से होगा। ओवरब्रिज नारायण टॉकीज से लेकर फाइल वार्ड के पास तक लगभग ९०० मीटर
यानि लगभग 1 किमी के अंदर बनेगा। सड़क परिवहन मंत्रालय में ओवरब्रिज का नक्शा पास होने के बाद टेंडर प्रक्रिया हो चुकी थी। दिसंबर माह में इसके टेंडर खुलने वाले थे, किंतु विभाग द्वारा तीन सालों में भी ओवरब्रिज बनाने की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। जबकि सिवनी मालवा में रेलवे ओवरब्रिज का काम जोरशोर से चल रहा है, जिसके जल्द शुरू होने की संभावना है।
इंदौर-बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग से प्रतिदिन जहां हजारों वाहनों की आवाजाही होती है, वहीं रेलवे के अप और डाउन ट्रैक से भी दिनभर में करीब १२० ट्रेनें निकलती हैं। इसके चलते इंदौर, होशंगाबाद, खंडवा, बैतूल, नागपुर आदि जगहों पर जाने के लिए वाहनों को रेलवे फाटक पार करना पड़ता है। किंतु ओवरब्रिज नहीं होने की वजह से वाहन चालकों को गेट खुलने के इंतजार में घंटों खड़े रहना पड़ता है। वर्तमान में होशंगाबाद पुल का सुधार कार्य चल रहा है, जिससे वहां के वाहनों का दबाव भी नेशनल हाइवे पर बढ़ गया है। हर पांच से दस मिनट में ट्रेनों के निकलने के कारण रेलवे गेट को बंद रखने से सैकड़ों वाहनों की कतार लग रही है। वाहनों में यात्री बसों, एम्बलुेंस, ट्रक सहित अन्य वाहन शामिल हैं। सभी वाहन चालकों को रोजाना गेट बंद रहने के कारण परेशान होना पड़ रहा है।
रेलवे फाटक पर बढ़ते वाहनों के दबाव को कम करने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा उड़ा गांव के रेलवे फाटक में से डब्ल्यूबीएम मार्ग बनाने की तैयारी की जा रही है। लोनिवि के एसडीओ एसके गुप्ता ने बताया कि करीब साढ़े 3 करोड़ की लागत से उड़ा गांव से लेकर रेलवे गेट के पार तक लगभग ६ किमी लंबाई और साढ़े 5 मीटर चौड़ा मार्ग बनाया जाएगा। वहीं 16 पुलियाओं का निर्माण भी होगा। कार्य की डीपीआर तैयार हो चुकी है। सोमवार को संपूर्ण सम्मिट कर कलेक्टर को दी जाएगी, ताकि जल्द काम शुरूहो सके।
खिरकिया. सरकार ने वर्ष 2016 में रेलवे बजट घोषित किया था, जिसमें नगर को जोडऩे वाले गेट क्रमांक 195 एवं होशंगाबाद खंडवा स्टेट हाइवे पर हरदा खिरकिया के मध्य स्थित भिरंगी गेट क्रमांक 199 के उपर से रेलवे ओवरब्रिज निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी। लेकिन दोनों ब्रिजों में से कोई का भी कार्य जमीनी स्तर तक नहीं पहुंच सका है। भिरंगी रेलवे फाटक पर स्थान को लेकर कोई पेंच नही था, बावजूद उसके ब्रिज निर्माण को लेकर कोई प्रक्रिया देखने को नहीं मिल रही है। वहीं नगर के ब्रिज निर्माण में एक के बाद एक पेंच आने से निर्माण की राह अधर में लटकी हुईहै। जमीनी स्तर पर प्रक्रियाएं शुरू होना तो दूर कागजी कार्यवाही भी ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। ब्रिज निर्माण में स्थान के चयन को लेकर पूर्व में दो से तीन बार रेलवे एवं सेतु निगम के अधिकारियों द्वारा मिशन बंगले की भूमि एवं उससे जुड़े हुए मार्गो का निरीक्षण किया था। जिस पर उनकी सहमति भी बनती नजर आई थी, लेकिन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। जबकि रेलवे अधिकारियों द्वारा स्वीकृति के समय में 2 वर्षो में ओवरब्रिज के निर्माण कार्य पूर्ण होने की बात कही थी। उक्त दोनों जगहों पर रोजाना वाहनों का जाम लगता है, जिससेे छोटे और बड़े वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
हरदा के रेलवे डबल फाटक के उपर से करीब ३० करोड़ ३१ लाख रुपए की लागत से ओवरब्रिज बनाया जाएगा। कार्यकी टेंडर प्रक्रिया भी पूर्णहो गईथी।केवल टेंडर खुलना रह गए थे। आगे की जानकारी अभी तक नहीं मिल पाईहै।
जीपी नारखेड़े, एसडीओ, लोक निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग
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खिरकिया ओवरब्रिज के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को स्थान का निरीक्षण कराया जाना है। वहीं भिरंगी रेलवे ओवरब्रिज के लिए प्रक्रिया पूर्ण कर प्रशासनिक स्वीकृति के लिए भेजा गया है।
सीआर कनाडे, एसडीओ, सेतु निगम पीडब्ल्यूडी