जिला परिषद सूत्रों के अनुसार ग्राम पंचायतों में लगे पंचायत सहायकों को मानदेय का भुगतान करने के लिए सरकार स्तर पर २०० करोड़ का बजट जारी कर दिया गया है। लेकिन पंचायत समितियों में विकास अधिकारी भुगतान में पेच फंसा रहे हैं। इसके कारण पंचायत सहायकों को आठ माह से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है।
जिले में काफी संघर्ष के बाद करीब दो वर्ष पहले ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायकों की नियुक्ति की गई थी। होना तो यह चाहिए था कि अब इनको स्थाई नियुक्ति देने को लेकर अफसर किसी तरह का प्रस्ताव बनाकर सरकार को मंजूरी के लिए भिजवाते। ज्यादातर पंचायत सहायक तो स्थाई नियुक्ति मिलने का ख्वाब भी देख रहे हैं। लेकिन यहां तो उल्टी गंगा बह रही है। स्थाई नियुक्ति दिलाने के प्रयास तो दूर इनका अफसरों ने वेतन ही अटका रखा है। पंचायत सहायक यूनियन के जिला उपाध्यक्ष महावीर भादू ने बताया कि भुगतान को लेकर कलक्टर से मिले थे। लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हुआ है।