सिद्धमुख-नोहर परियोजना की नहरों में वर्तमान में आठ दिन का रेग्यूलेशन लागू किया जाता है। लेकिन हालात ऐसे हैं कि कम पानी मिलने पर पांच दिन भी किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है। हरियाणा के अफसर राजस्थान क्षेत्र में हर पल पानी की आपूर्ति में हेरफेर करते रहते हैं। इससे हमारे किसानों को तय शेयर के अनुसार पानी नसीब नहीं हो पाता है।
बीबीएमबी के निर्देश पर काफी दिनों पहले हरियाणा के सीपी चार व पांच पर ऑटौमेटिक गेज रीडिंग के उपकरण लग जा चुके हैं। लेकिन डाटा फीडिंग के नाम पर अभी तक इसके संचालन को लेकर हरी झंडी नहीं मिली है। इसके कारण सही गेज का पता तत्काल नहीं लग पाता है। ऑटोमेटिक गेज रीडिंग की व्यवस्था लागू होने पर पानी घटते ही राजस्थान बीबीएमबी को आइना दिखा सकेगा। लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है।
हरियाणा की तरफ से राजस्थान को तय शेयर के अनुसार पानी मिलने में दिक्कतें आने पर इस मुद्दे को हमने बीबीएमबी में कई बार रखा है। प्रदेश स्तर पर कॉर्डिनेशन बैठकों में भी हमने यह मुद्दा उठाया है। मगर हरियाणा तय शेयर के अनुसार पानी देने में आनाकानी करता रहा है। इससे नहरों को चलाने में काफी दिक्कतें तो आती ही है।
-विनोद मित्तल, मुख्य अभियंता, जल संसाधन उत्तर संभाग हनुमानगढ़