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हनुमानगढ़

कत्ल के लिए चुना पैदाइश का दिन

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हनुमानगढ़Sep 26, 2018 / 11:41 am

Rajaender pal nikka

murder

कत्ल के लिए चुना पैदाइश का दिन

नगरपालिका अध्यक्ष के पति पार्षद हरवीर सहारण की हत्या का मामला

हनुमानगढ़. रावतसर नगर पलिका अध्यक्ष नीलम सहारण के पति पार्षद हरवीर सहारण की हत्या की वारदात कोई यकायक अंजाम नहीं दी गई। इसके मास्टर माइंड ने पूरी योजना बनाकर हत्या का दिन चुना। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रावतसर उपखंड कार्यालय परिसर में नगर पालिका अध्यक्ष के पति को उसके जन्मदिवस के दिन ही गोलियों से छलनी किया गया। इक्यावन वर्षीय हरवीर सहारण का सोमवार को जन्मदिन था। हमलावरों ने इक्यावनवें जन्मदिन को उनका आखिरी दिन बनाकर परिवार की खुशियों में दु:ख घोल दिया। जानकारी के अनुसार हरवीर सहारण का जन्म २४ सितम्बर १९६७ को हुआ था। उनके पिता पुलिस से सेवानिवृत्त थानेदार हैं।
हत्या की साजिश रचने वालों के दिमाग में कहीं ना कहीं यह बात जरूर थी कि २४ सितम्बर को जन्मदिन के दिन हमला किया जाए। आखिरकार आरोपित कानून व्यवस्था को धत्ता बताते हुए अपनी साजिश में कामयाब हो गए। जिला अस्पताल में सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हुई। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया। इस दौरान हरवीर सहारण के कुछ परिजन व समर्थक ही मौके पर मौजूद थे। भीड़ नहीं होने पर पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली। यद्यपि पोस्टमार्टम के दौरान जिला अस्पताल परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता तैनात रहा।
दिन-भर रही तनावपूर्ण स्थिति
कस्बे में दिन-भर तनावपूर्ण स्थिति रही। बाजार लगभग बंद रहा। सुबह से ही हरवीर सहारण के निवास पर समर्थकों की भीड़ जुटने लगी। इसे देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। दोपहर करीब ढाई बजे हरवीर सहारण का शव रावतसर पहुंचा। मृतक के घर के पास श्रद्धांजलि सभा हुई। इसमें घटनाक्रम की निन्दा करते हुए सीबीआई जांच की मांग की गई। खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल ने कहा कि हत्याकांड की जांच सीबीआई से करवाई तथा मृतक के परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। बेनीवाल ने वारदात को राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि इसके पीछे जिनका हाथ है, यदि उसका खुलासा नहीं किया गया तो सरकार को अंजाम भुगतना होगा। प्रदेश में हर जगह आंदोलन किया जाएगा। करीब दो घंटे समर्थकों व परिजनों के दर्शनों के लिए शव रखा गया। इस दौरान जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप मौके पर पहुंचे तथा परिजनों को सांत्वना दी। हत्याकाण्ड की जांच सीबीआई से कराने व परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने के संबंध में डॉ. रामप्रताप ने मुख्यमंत्री से मिलकर सकारात्मक परिणाम का भरोसा दिलाया।
उल्लेखनीय है कि सोमवार सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे रावतसर एसडीएम कार्यालय परिसर में पार्षद हरवीर सहारण पर चार जनों ने हमला कर दिया था। उनको गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया। यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस संबंध में मृतक के पुत्र हनुमंत सहारण ने रामनिवास महला तथा तीन अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि रामनिवास महला पुत्र हाकमाराम निवासी चाईया व तीन अन्य आए। रामनिवास ने पिता को धमकाते हुए कहा कि तुम महेन्द्र पूनिया की खिलाफत करते हो। नोहर से चुनाव लडऩा चाहते हो, तुझे अभी सबक सिखाते हैं। इसके बाद पिस्तौल से कई गोली मारी। परिवादी व अन्य ने शोर मचाया तो आरोपित अपने वाहन से फरार हो गए। पिता की ३० सितम्बर को नोहर की जाट धर्मशाला में सभा व रैली प्रस्तावित थी। इसे विफल करने तथा उनको चुनाव लडऩे से रोकने के लिए उनकी हत्या की गई।
हत्या के पीछे राजनीतिक साजिश
श्रद्धांजलि सभा के दौरान पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को मृतक के पुत्र हनुमन्त सहारण ने मुख्यमंत्री व आईजी के नाम ज्ञापन सौंपे। इनमें बताया कि रामनिवास महला पुत्र हाकमसिंह जाट निवासी चाईया व दो तीन अन्य ने गोली मार कर पिता की हत्या की। मगर इसके पीछे कई राजनीतिक लोग हैं, जो उच्च पदों पर हैं तथा ऊंची पहुंच रखते हैं। पिता नोहर से विधानसभा चुनाव लडऩा चाहते थे। इस संबंध में 30 सितम्बर को नोहर की जाट धर्मशाला में परिवर्तन रैली का आयोजन होना था। इसे विफल करने तथा पिता को चुनाव लडऩे से रोकने के लिए उनकी हत्या की गई। शाम को 22 एजी रोड स्थित कल्याण भूमि में दाह संस्कार किया गया।
जिस्म से निकली चार गोली
दोपहर करीब डेढ़ बजे पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूर्ण करवा कर पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया। उनके साथ शव को लेकर रावतसर रवाना हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार सहारण पर छह गोलियां दागी गई। इनमें से चार गोलियां उनके शरीर के भीतर मिली। एक गोली आर-पार निकल गई तथा एक गोली छूकर निकली। सीने पर लगी गोलियों के कारण उनकी मौत हुई। मेडिकल बोर्ड में फोरेंसिक एक्सपर्ट एमजे डॉ. शंकर सोनी, डॉ. विनोद मावंडिया तथा डॉ. देवेन्द्र भादू को शामिल
किया गया।
तो उतरेंगे सडक़ पर
सीबीआई जांच व परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग मान ली गई है। अगर उपरोक्त मांगों पर जल्दी निर्णय नहीं हुआ तथा प्रकरण के पीछे राजनीतिक साजिश का खुलासा नहीं किया गया तो आंदोलन शुरू किया जाएगा। समाज के युवा सडक़ों पर उतर कर सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे। यह पूर्णत: राजनीतिक साजिश है। इसमें स्थानीय प्रशासन व पुलिस की भी बड़ी चूक है। – हनुमान बेनीवाल, विधायक खींवसर।

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