स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के बाद जिला स्वास्थ्य फ्लू प्रभारी डॉ.महेन्द्र पिपरोलिया मरीज के घर पहुंचे और जांच की। डॉ.पिपरोलिया ने बताया कि मरीज के घर में दो महिलाएं और दो बच्चे मिले थे। बच्चों को सर्दी -जुखाम की शिकायत थी, इसी के चलते उन्हें स्वाइन फ्लू की दवा दे दी गई है।
स्वाइन फ्लू के लक्षणों में नाक का लगातार बहना, छींक आना, कफ, कोल्ड और लगातार खांसी, मांसपेशियों में दर्द या अकडऩ, सिर में भयानक दर्द, नींद न आना, ज्यादा थकान, दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढऩा, गले में खराश का लगातार बढ़ते जाना शामिल हैं।
स्वाइन फ्लू, इनफ्लुएंजा (फ्लू वायरस) के अपेक्षाकृत नए स्ट्रेन इनफ्लुएंजा वायरस से होने वाला संक्रमण है। इस वायरस को ही एच1 एन1 कहा जाता है। इसे स्वाइन फ्लू इसलिए कहा गया था, क्योंकि ***** में फ्लू फैलाने वाले इनफ्लुएंजा वायरस से यह मिलता-जुलता था। स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से फैलता है। कई बार यह मरीज के आसपास रहने वाले लोगों और तीमारदारों को भी अपनी चपेट में ले लेता है। किसी में स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखें तो उससे कम से कम तीन फीट की दूरी बनाए रखना चाहिए, स्वाइन फ्लू का मरीज जिस चीज का इस्तेमाल करे, उसे भी नहीं छूना चाहिए।
डॉ.मृदुल सक्सेना, सीएमएचओ