युवा चित्रकार हेमंत रोजिया की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। बचपन से ही उन्हें पेंटिंग का शौक था, घर की स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण कई समस्याएं आईं, लेकिन उन्होंने अपने शौक को छोड़ा नहीं और पेंटिंग से स्नातक किया। लेकिन पेंटिंग को व्यवसाय नहीं बनाया, वह कला के रूप में ही इसे आगे बढ़ा रहे हैं। हेमंत के अनुसार उन्होंने जो परेशानी झेली हैं, उनसे ही उन्हें सीख मिली है कि वह ऐसे बच्चों जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, उन्हें पेंटिंग सिखाएं। वह पेंटिंग सिखाने के लिए क्लास लगाते हैंं। अगर कोई ऐसा बच्चा पेंटिंग सीखना चाहता है तो वह उसे शीट और अन्य सामग्री भी उपलब्ध करवा देते हैं। उनका मानना है कि कलाकार को हमेशा बढ़ावा देना चाहिए।
शासन को करना चाहिए मदद : वह कहते हैं कलाकारों के सामने आर्थिक संकट बहुत बड़ी समस्या है। शासन को कलाकारों को इस समस्या से निकालने में मदद करना चाहिए। क्योंकि हर कलाकार इतना बड़ा नहीं होता कि वह एग्जीबिशन लगा सके, इसलिए शासन को स्थानीय स्तर पर दो से तीन महीने में एक एग्जीबिशन लगवाना चाहिए, जिसमें सभी छोटे कलाकारों को भी अपनी पेंटिंग प्रदर्शित करने की अनुमति देना चाहिए। इससे कलाकारों को बढ़ावा मिलेगा, इसके साथ ही नए कलाकारों को शासन को मौका देना चाहिए, जिससे वह अपनी कला को निखार सकें।