चंबल का खतरे का निशान 119.80 मीटर पर है जबकि सोमवार की शाम छह बजे तक जल स्तर बढकऱ 126.50 मीटर तक पहुंच गया है। लगातार बढ़ रहे पानी को देखते हुए बरही के पास एनएच 92 पर स्थित चंबल पुल पर आवागमन बाधित किए जाने के आसार बन रहे हैं। यदि 127 मीटर से अधिक जलस्तर होता है तो पुल पर आवागमन रोक दिया जाएगा। संभागायुक्त रेनू तिवारी के अलावा आईजी डीपी गुप्ता, कलेक्टर छोटे सिंह, एसपी रूडोल्फ अल्वारेस आदि ने पानी से घिरे गांवों का न केवल जायजा लिया बल्कि उन्हें सुरक्षित निकालकर राहत शिविर में पहुंचाने के निर्देश भी दिए। रात 8.00 बजे तक अटेर क्षेत्र में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत नखलौली की मढ़ैमा, कोषढ की मढ़ेया एवं मुकुटपुरा को खाली करवा लिया है।
बाढ़ प्रभावित गांवों के स्कूलों में अवकाश घोषित
चंबल नदी के तटवर्ती जो गांव बाढ़ से प्रभावित हैं उन गांवों के विद्यालयों में आगामी आदेश तक अवकाश घोषित किया है। जिला शिक्षा अधिकारी एचबी सिंह के अनुसार चंबल में बढ़ते जलस्तर की स्थिति को देखते हुए नदी के तटवर्ती गांवों के जलमग्न हो जाने के चलते छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी शासकीय व आशासकीय विद्यालयों में आगामी आ देश तक अवकाश घोषित किया गया है।
यहां बने राहत शिविर
जिला पंचायत सीईओ आरपी भारती की देखरेख में रोशनलाल दैपुरिया महाविद्यालय सुरपुरा, शासकीय हाईस्कूल विण्डवा, शासकीय आईटीआई भवन अटेर, शासकीय स्कूल रमाकोट एवं शासकीय स्कूल मघारा में राहत शिविर बनाए गए हैं। राहत शिविरों में लोगों के खाने-पीने का इंतजाम किया गया है। साथ ही उनके पशुओं को भी चारे पानी की व्यवस्था की गई है।
सुबह से शाम तक निकाले 609 लोग
आर्मी मेजर देवेंद्र सिंह लांबा के मुताबिक सोमवार को मुकुटपुरा व नावलीवृंदावन से 120 पुरुष, 182 महिला एवं 186 बच्चों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में पहुंचा है। सुरपुरा क्षेत्र में चंबल के तटवर्ती गांव नखलौली की मढ़ैयन, कोषढ़ की मढ़ैयन से करीब 200 लोग सुरक्षित निकालकर शिविर पहुंचाए गए हैं।
पानी कम होने के नहीं आसार
चंबल का जलस्तर जिस तरह से बढ़ रहा है अगले 24 घंटे में 127 मीटर तक जा सकता है। कोटा बैराज से अभी भी छह लाख 94 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज जारी है। मंदसौर के गांधी सागर सभी गेट ओवरफ्लो हो जाने के कारण खोल दिए गए हैं। इस कारण कोटा बैराज के पानी के कम होने के आसार नहीं हैं।
एचएस शर्मा कार्यपालन यंत्री जल संसाधन
ये हैं हालात
नावली वृंदावन में 50 से ज्यादा घर डूबे। लोग सामान दीवारों से बांधकर निकले ताकि बहे नहीं। सेवा निवृत्त आर्मी रामदास यादव रानी नामक घोड़ी के बिना रेस्क्यू दल के साथ जाने को नहीं
थे तैयार। ऐसे में उन्हें घोड़ी सहित निकाला गया।
प्रसूताओं को नवजात सहित सुरक्षित निकाला
रेस्क्य ूदल ने मुकुटपुरा से तीन प्रसूता महिला तथा उनके नवजात शिशुओं को भी अन्य ग्रामीणों के साथ सुरक्षित बाहर निकालकर राहत शिविर पहुंचाया। वहीं चंबल किनारे खेत पर अपने बेटे व एक अन्य साथी के साथ फंसे अटेर निवासी अहिबरन सिंह यादव को सुरक्षित निकाला। इधर दो दिन से चंबल किनारे ऊंचाई पर स्थित अपने खेत पर फंसे अटेर निवासी तुलसी यादव, प्रमोद यादव व सकटू यादव को रेस्क्यू दल ने राहत शिविर पहुंचाया। दरअसल दो दिन में उनके मोबाइल डिस्चार्ज हो गए थे। ऐसे में उनके परिजनों द्वारा प्रशासन को उनके खेत पर फंसे होने की सूचना दी। इनके अलावा नायब तहसीलदार रविशंकर त्यागी अटेर गांव में रविवार को फंस गए थे जिन्हें सोमवार को रेस्क्यू दल द्वारा निकाला गया।
कमिश्रर, आईजी ने इन गांवों का किया दौरा
खैराहट, नखलौली की मढ़ैयन, मुकुटपुरा, दिन्नपुरा, रमा कोट, गढ़ा, कोषढ़ की मढ़ैयन, नावली वूदंावन, चिलोंगा का चंबल कमिश्नर व आईजी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र ने दौरा कर स्थिति देखी। नखलौली व कोषढ़ की मढ़ैयन ने 90 फीसदी लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविर पहुंचाया गया है। मुकुटपुरा, देवालय, नावली वृंदावन व रमा कोट में रेस्क्यू ऑपरेश जारी है।