मुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग को ट्रायल के दौरान पूरी देखभाल और सुरक्षा सावधानियों के सख़्ती से पालन को यकीनी बनाने की हिदायत की, जिसके लिए प्रतिभागियों की सहमति लाजि़मी होगी। उन्होंने यह यकीनी बनाने के लिए कड़े निर्देश जारी किये हैं कि गरीब व्यक्तियों को उनकी सहमति, ज्ञान और संभावित नतीजों और खतरों से अवगत करवाए बिना ट्रायल में शामिल न किया जाये।
वैक्सीन ट्रायल के संबध में भारत बायोटैक लिमिटेड ने कुछ दिन पहले राज्य सरकार के साथ संपर्क किया था। कंपनी ने ट्रायल में हिस्सा लेने वालों के लिए किसी भी बुरी घटना, प्रभाव या मौत के मामले में 75 लाख रुपए का बीमा कवर देने का ऐलान किया है। टीके के संभावित बुरे प्रभावों में बुख़ार, इंट्रामस्क्यूलर टीके की जगह पर दर्द और बेचैनी शामिल हो सकते हैं। ट्रायल में भाग लेने वालों को (0 और 28 दिन) मानवीय ट्रायल के तीसरे पड़ाव के हिस्से के तौर पर निष्क्रिय वायरस टीके की दो ख़ुराक दी जाएंगी।